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बजट: एक को मनाऊं तो दूजा रूठ जाता है!

By Ashutosh
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बजट का वक्त आते ही आम आदमी से लेकर पूरे देश के लोगों की उम्मीदें परवान चढ़ने लगती हैं। मन ही मन हर कोई यही सोचता है कि बजट में सबका ख्याल रखा गया हो और महंगाई का बोझ आम जनता पर ना डाला जाए। पर सोचने से तो कुछ होता नहीं है, असलियत तो बजट जारी होने पर पता चलती है। थोड़ा खट्टा, थोड़ा मीठा, ये हर बजट की कहानी होती है। अब आप सबको खुश तो नहीं रख सकते हैं ना, वो गाना है ना, एक को मनाऊं तो दूजा रुठ जाता है' बस कुछ ऐसा ही हाल होता है बजट का भी।

बजट: एक को मनाऊं तो दूजा रूठ जाता है!

बजट के महीने भर पहले से पूरी मीडिया में एक खबर सबसे ज्यादा बार लिखी जाती है वो है 'बजट में मिलेगी राहत'। खैर मीडिया अनुमान और तथ्यों पर अपनी खबरें लिखते हुए लोगों को बजट से जुड़ी जानकारी देने की सच्ची कोशिश करता है, पर इससे आम जानता की आशाएं गुब्बारे की तरह फूल जाती हैं, उसे लगता है बस इसी बजट में तो अच्छे दिन आएंगे। इस बार के बजट में भी कुछ ऐसा ही हाल है।

अभी दो दिन पहले रेल बजट को लेकर खबरें आईं कि लोअर बर्थ के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं, ध्यान दीजिए इस पर कोई फैसला या कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है इसलिए इसे सिर्फ अनुमान मानें, वहीं अब बजट में लोगों को खुश करने वाली खबरें आई हैं ये खबरें भी रेल बजट (जिसे पिछले साल 2017 में आखिरी बार पेश किया गया, इसके बाद इसे आम बजट के साथ मर्ज कर दिया गया।) में रेल किराया नहीं बढ़ेगा।

ये खबर लोगों के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है, अरे अब आप ही बताइए, रेल टिकट में फ्लेक्सी फेयर, तत्काल में टिकट लिया तो तत्काल किराया+फ्लैक्सी फेयर+जीएसटी+इंटरनेट शुल्क+रिजर्वेशन चार्ज के बाद आपको एक अदद सीट मिलती है उस पर अगर किराया बढ़ा दिया तो आम आदमी बैलगाड़ी लेकर ही सफर करेगा वो भी पूरे सामान के साथ।

इसीलिए किराया ना बढ़ाने की खबरें खुशखबरी से कम नहीं है, फिर एक और फ्री वाला ऑफर अलग ही छाप दिया गया जिसमें ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर फ्री इंश्योरेंश, सर्विस चार्ज में छूट और भी तमाम चीजें। तो ये सारी चीजें आम आदमी की उम्मीदें इतनी बढ़ी देती हैं कि अगर आने वाले बजट में इसमें जरा भी बदलाव हुआ (जो कि होना तय है!) तो जनता का मुंह बना जाता है।

थोड़ा और आगे बढ़ें तो टैक्स को लेकर नए-नए अनुमान लगाए जा रहे हैं, अब 5 लाख तक की आय पर टैक्स में छूट देने के ख्वाब दिखाए जा रहे हैं। अब अगर आप पिछले 4-5 साल के बजट के बारे में देखें तो वहां हमेशा 5 लाख तक की आय में छूट देने के ख्वाब बजट से पहले दिखाए जाते हैं, पर होता क्या है सब कुछ वही रहता है। इस बार फिर आम आदमी को वही लॉलीपॉप दिया जा रहा है, और अगर बजट में 5 लाख की आय पर छूट नहीं मिली तो... फिर वही होगा जो ऊपर लिखा था, जनता का मुंह बन जाएगा।

अब 1 फरवरी को फिर से पिटारा खुलेगा और लोग अपने-अपने अनुमानों को गलत साबित होते देखेंगे। क्या पता कुछ सही ही हो जाए। पर जेटली जी से राहत की उम्मीद तो खुद मोदी जी भी नहीं कर सकते फिर हम आप जनता क्या कर लेंगे। इंतजार करिए 1 फरवरी का, देखिए बजट किसे मनाता है और इस बजट से कौन रुठता है, कंबल ओढ़कर बैठिए ठंड बहुत है।

English summary

Budget expectation For 2018

People Of India Befor Budget Expect More, but after budget no one care about people, So Here You can read Budget Fals Expectations in hindi,
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