जानिए बुक-माय-शो की सफलता की कहानी के ये 11 बिंदु
अब आपको अपनी पसंदीदा फिल्म या शो के टिकिट खरीदने के लिए लंबी लाइन में खड़े होने की ज़रूरत नहीं होती। अनेक ऐसी वेबसाइट्स हैं जो अब यह काम आपके लिए करती हैं। बुक-माय-शो भी ऐसी ही एक साइट है। इसकी स्थापना 1999 में मूवी थियेटर के लिए सॉफ्टवेयर रिसेलर के रूप में हुई और फिर बुकमायशो ने क्लाउड बेस्ड इवेंट्स, मूवीज, स्पोर्ट्स और नाटकों आदि की बुकिंग के लिए प्लेटफ़ॉर्म प्रारंभ किया।
बुकमायशो के 16 लाख से अधिक यूजर्स
यह भारत की सबसे बड़ी एंटरटेनमेंट टिकटिंग वेबसाइट है। यह 4 देशों में चल रही है तथा इसके 16 लाख से अधिक ग्राहक हैं। इसकी स्थापना के 10 वर्षों के अन्दर ही बुकमायशो ने ऑनलाइन एंटरटेनमेंट टिकिटिंग के क्षेत्र में 70% से भी अधिक मार्केट शेयर हासिल कर लिया। इसका मुख्यालय मुंबई में है और यह बिग ट्री एंटरटेनमेंट लिमिटेड के नाम से रजिस्टर्ड है।
कंपनी का दावा है कि अब तक इसका एप 30 लाख से अधिक बार डाउनलोड़ किया जा चुका है, प्रतिमाह इससे 10 लाख से अधिक टिकिट बुक किये जाते हैं और एक महीने में 3 करोड़ से अधिक पेज व्यू मिलते हैं।
बुकमायशो का मार्केट
भारत में मूवी टिकिट की बुकिंग का बाज़ार सचमुच रोमांचक है। हम सभी फिल्म देखकर ही बड़े हुए हैं। टिकिट बिक्री के मामले में इवेंट टिकिट का बाजार प्रतिवर्ष लगभग 1500 करोड़ रूपये है जिसमें इवेंट्स और स्पोर्ट्स आदि आते हैं। बुकमायशो इतनी बड़ी मात्रा में संचालित होता है।
बुकमायशो के फाउंडर (संस्थापक)
बुकमायशो की स्थापना आशीष हेमराजानी ने की जो मुंबई यूनिवर्सिटी के सिड्नहैम इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के भूतपूर्व छात्र हैं। आशीष हेमराजनी का जन्म जुलाई 1975 में हुआ। एमबीए की पढाई पूरी करने के बाद उन्होंने जे. वाल्टर थॉम्पसन नामक एडवरटाईजिंग कंपनी के साथ काम किया।
बुकमायशो का आयडिया
मास्टर्स डिग्री करने के बाद आशीष एक एडवरटाईजिंग कंपनी में काम कर रहे थे। उसी वक्त वो दक्षिण अफ्रीका में छुट्टियां मना रहे थे। उनकी यात्रा के दौरान वे एक पेड़ के नीचे बैठकर रेडियो सुन रहे थे और रग्बी के टिकिट बेच रहे थे। वही उन्हें बिग ट्री एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड का आइडिया सूझा। जब उन्हें आइडिया आया तब उन्हें पता चला कि अंतर कहां है। यह उसी प्रकार था जैसे भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। केपटाउन में वापस आने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ने और अपनी स्वयं की कंपनी शुरु करने का निश्चय किया।
बिजनेस मॉडल
बुकमायशो की एपीआई तक विशिष्ट पहुंच होती है जैसे मूवी थियेटर्स और मल्टीप्लेक्स की विस्टा ईआरपी तक होती है और वे इनके एप के बैकएंड से जुड़े होते हैं जो आपको मूवी टिकिट्स की रियल टाइम उपलब्धता प्रदान करता है। इवेंट टिकिट का क्रमांकन किया जाता है।
बुकमायशो का रेवेन्यू मॉडल
बुकमायशो की आय (राजस्व) के कई स्त्रोत है:
टिकटिंग रेवन्यू
यह रेवन्यू का मुख्य स्त्रोत है जो कुल रेवेन्यू का लगभग 60% है। यह इंटरनेट के शुल्क और टिकिट बुकिंग पर दी जाने वाली छूट से मिलता है। कंपनी, टिकिट की कीमत के अतिरिक्त सुविधा शुल्क भी वसूल करती है। बुकमायशो इस प्रकार संचालित होता है। जहां तक गैर फ़िल्मी इवेंट्स का सवाल है बीएमएस को इन टिकिट्स पर कमीशन मिलता है।
नॉन टिकिटिंग रेवेन्यू: एडवरटाईजिंग और प्रमोशन
कोई भी कंपनी जो अपनी फिल्मों और लघु फिल्मों की कला को विकसित करना चाहती है, बीएमएस से संपर्क स्थापित करके अपनी फिल्मों में ऑनलाइन दर्शकों की रूचि निर्माण कर सकती है। बीएमएस इन नए कलाकरों और उनके प्रस्तावों को बढ़ावा देने के लिए अपने पेज व्यूज का उपयोग कर सकती है।
एक बार टिकिट का भुगतान हो जाने के बाद इसे बेचा हुआ समझा जाता है। इसे न तो बदला जा सकता है और न ही कैंसिल किया जा सकता है।
बुकमायशो की फंडिंग
वर्ष 2002 से 2006 तक इस व्यापार को कोई निवेशक नहीं मिला। डॉट कॉम की सुनामी जाने के बाद भारत में मार्केट पूरी तरह बदल गया और भारत में इंटरनेट सेवाएं, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड जैसी सेवाएं अधिक अच्छी हो गयी और इन्फ्रास्ट्रकचर में भी अधिक विकास हुआ। इसके अलावा भारत में बहुत बड़ी संख्या में मल्टीप्लेक्स भी बने।
मार्च 2007 में नेटवर्क 18 ने बुकमायशो में निवेश किया। वर्ष 2012 में एक्सेल पार्टनर्स ने 18 लाख यू.एस. डॉलर अर्थात 100 करोड़ का निवेश किया। जून 2014 में सैफ पार्टनर्स ने 25 लाख यूएसडी अर्थात 150 करोड़ रुपयों का निवेश किया जिसने बुकमायशो की कीमत को 1000 करोड़ रूपये तक पहुंचा दिया।
अब तक कंपनी ने 3 राउंड्स में 4 निवेशकों से $124.5 लाख लिए हैं। वर्तमान में जुलाई 2016 में 550 करोड़ की वित्तीय सहायता दी गयी।
बुकमायशो की ग्रोथ
अपनी सोलह वर्षों की यात्रा में कंपनी ने जीवन की कई कडवी सच्चाईयों को देखा और उसका सामना किया है। 25,000 रूपये की पूंजी से 1,000 करोड़ की संपत्ति, बिगट्री एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड से Bookmyshow.com और डॉटकॉम क्रैस से वैश्विक वित्तीय संकट तक अपनी ग्रोथ की है।
बुकमायशो - अधिग्रहण
मार्च 2013: इसने चेन्नई स्थित ऑनलाइन टिकटिंग कंपनी टिकिट ग्रीन का अधिग्रहण किया।
फरवरी 2015: इसने बैंगलोर स्थित सोशल मीडिया एनालिटिक्स फर्म इवेंटिफायर को अपने अधिकार में ले लिया।
मार्च 2016: इस कंपनी के चेन्नई स्थित कंपनी फैनटेन स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड में अधिकांश शेयर्स हैं।
बुकमायशो के प्रतियोगी
भारत में कंपनी सीधे Ticketnew से प्रतियोगिता करती है। टिकिटन्यू मुख्यत: दक्षिण भारतीय बाजार पर केंद्रित है। इस क्षेत्र में अन्य खिलाड़ी Insider.in और Nearify हैं।
भविष्य की योजनायें
कंपनी अपनी वेबसाइट पर बिक्री विभाग प्रारंभ करना चाहती है जिसमें उनके प्रशंसक टी शर्ट्स, हूडीज एवं अन्य चीजें खरीद सकें। कंपनी मोबाइल पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है क्योंकि ऐसा दिखाई पड़ रहा है कि लगभग 25% बुकिंग मोबाइल से होती है जबकि 20% प्रतिशत लोग वॉलेट को पेमेंट के विकल्प के रूप में चुनते हैं।