20 साल बाद WEF में गूंजेगी भारत की आवाज, PM मोदी करेंगे संबोधित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावोस में अगले सप्ताह मंगलवार को विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करेंगे। नरेंद्र मोदी 1997 के बाद पहले ऐसे प्रधानमंत्री होंगे जो विश्व आर्थिक मंच के जरिए भारत की बातों को दुनिया तक पहुंचाएंगे। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, डब्ल्यूईएफ 2018 का आयोजन 23 से 26 जनवरी तक होगा। इसमें साठ देशों के शीर्ष नेता व विश्व की प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिस्सा लेंगे। वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने इस बारे में जानकारी दी।
पहली बार PM मोदी लेंगे हिस्सा
वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने मीडिया से कहा, "प्रधानमंत्री पहली बार डब्ल्यूईएफ में शिरकत करने जा रहे हैं, एक ऐसे समय में जब पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है।" उन्होंने कहा, "डब्ल्यूईएफ विश्व के व्यापारिक नेताओं और बैंकरों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण सम्मेलन है..एक तरह से यह फैसले लेने का एक वैश्विक मंच है। बीते साल चीन के राष्ट्रपति के यहां आने की काफी चर्चा हुई थी।"
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से हो सकती है मुलाकात
ऐसे अनुमान लगाए जा रहे हैं कि इस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच भी द्विपक्षीय वार्ता हो सकती है। मोदी सरकार के दौर में भारत और अमेरिका के रिश्तों में नई गर्माहट नजर आ रही है। वहीं दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों की आतंकवाद समेत तमाम मुद्दों पर एक जैसी ही राय है। ऐसे में दावोस में होने वाली ये मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।
उद्घाटन सत्र को करेंगे संबोधित
वाणिज्य मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, मोदी 23 जनवरी को डब्ल्यूईएफ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। इसके अलावा कई भारतीय मंत्री महत्वपूर्ण सामूहिक चर्चाओं में हिस्सा लेंगे। इनमें प्रभु के अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली, रेल मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और विदेश राज्य मंत्री एम.जे.अकबर शामिल हैं।
बड़े प्रतिनिधि मंडल के साथ भारत करेगा शिरकत
प्रभु ने बताया कि इनके साथ आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू व देवेंद्र फडणवीस भी सम्मेलन में शामिल होंगे। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के सचिव रमेश अभिषेक ने बताया कि मोदी दावोस में इंटरनेशनल बिजनेस कौंसिल में शीर्ष व्यापारिक नेताओं से मुलाकात करेंगे। इस कौंसिल में खास बहुराष्ट्रीय कंपनियों के 120 शीर्ष अधिकारी शामिल हैं।