खुशखबरी: मिनिमम बैलेंस को ₹1000 कर सकती है SBI!
मिनिमम बैलेंस पर चौतरफा आलोचना झेलने के बाद अब देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया इस मामले में लोगों को राहत दे सकता है। बताया जा रहा है कि केंद्र की तरफ से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर मनिमम बैलेंस को लेकर दबाव बनाया गया है जिसके बाद एसबीआई लोगों को न्यूनतम बैलेंस रखने पर राहत दे सकती है।
मासिक के बजाय तिमाही न्यूनतम बैलेंस
अभी एसबीआई में शहरी क्षेत्र में न्यूनतम बैलेंस रखने की 3000 रुपए की लिमिट है। पहले ये लिमिट 5000 रुपए थी जिसे बाद में एसबीआई ने घटाया था अब इस लिमिट को और भी कम करने की योजना पर विचार चल रहा है। इसके लिए बैंक नई योजना पर विचार कर रहा है जिसमें मासिक की बजाय तिमाही न्यूनतम खाता लिमिट तय की जाएगी।
1000 रुपए हो सकता है मिनिमम बैलेंस अमाउंट
NBT ने सूत्रों के हवाले से खबर प्रकाशित करते हुए लिखा है कि, बैंक मिनिमम बैलेंस की जरूरत को करीब 1000 रुपये किया जा सकता है, लेकिन अभी इस पर फैसला होना बाकी है। SBI ने जून में मिनिमम बैलेंस को बढ़ाकर 5000 रुपये कर दिया था। हालांकि, विरोध के बाद मिनिमम बैलेंस सीमा को मेट्रो शहरों में घटाकर 3000, सेमी-अर्बन में 2000 और ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 रुपये किया गया था। तब नाबालिग और पेंशनर्स के लिए भी इस सीमा को कम कर दिया गया था। पेनल्टी को 25-100 रुपये से घटाकर 20-50 रुपये के रेंज में लाया गया था।
नेट प्रॉफिट से ज्यादा जुर्माने से वसूला मुनाफा
आपको बता दें कि देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने मिनिमम बैलेंस न रखने वाले ग्राहकों से 1771 करोड़ रुपए बतौर मिनिमम बैलेंस चार्ज वसूल किए हैं। हैरानी की बात ये है कि ये चार्ज SBI की दूसरी तिमाही के नेट प्राफिट से भी ज्यादा है। ये आंकड़े वित्तमंत्रालय की तरफ से जारी किए गए थे। वहीं इस जुर्माने से हुई आय के बारे में खबर आने पर एसबीआई की चारो तरफ किरकिरी हुई थी। अब एसबीआई ग्राहकों के बीच अपनी छवि को दोबारा सुधारने के लिए नियमो में बदलाव पर जोर दे रही है।
कुछ मामलों में दी ढील
एसबीआई ने शहरी क्षेत्र में मिनिमम बैलेंस रखने की अनिवार्यता में ढील देते हुए उसे 5 हजार से घटाकर 3000 कर दिया। हालांकि एसबीआई ने पेंशन धारकों, बच्चों के खाते (18 साल से कम उम्र) और पहला कदम, पहली उड़ान खाता धारकों को मिनिमम बैलेंस रखने में छूट दी है। हाल ही में एक घटना सामने आई थी जिसमें एसबीआई ने मिनिनम बैलेंस नहीं होने पर एक बुजुर्ग महिला के खाते से राशि काट ली थी, वह महिला सिर्फ वृद्धावस्था पेंशन पर ही गुजारा कर रही थीं। इस घटने के बाद एसबीआई की बहुत किरकिरी हुई जिसके बाद नियमों बदलाव किया गया।
मिनिमम बैलेंस से बचने के लिए बदल सकते हैं खाता
हालांकि एसबीआई ने बचत खाता धारकों के सामने एक आसान प्रस्ताव रखा जिसमें उन्हें मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर भी जुर्माना नहीं देना पड़ेगा। इसके लिए आपको एसबीआई सेविंग्स अकाउंट बदलने का ऑफर दे रहा है। खाता बदलवाने के लिए आपको एसबीआई की शाखा में जाना होगा जहां आपको खाता बदलने के लिए आवेदन देना होगा, इसके बाद आपका खाता बेसिक सेविंग खाते में बदल जाएगा। हालांकि इसमें आपको एक नुकसान भी है, बेसिक सेविंग खाते में चेकबुक की सुविधा नहीं है जिससे आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकते है।
इन खातों पर नहीं लगता है न्यूनतम चार्ज
इन सब के अलावा एसबीआई के विभिन्न खातों पर मिनिमम बैलेंस नहीं चार्ज करने का फैसला किया है जो कि निम्नलिखित हैं,
जनधन खाता
सैलरी खाता
स्माल सेविंग खाता
बेसिक सेविंग खाता
पेंशन भोगियों का खाता
18 साल से कम उम्र के बच्चों का खाता