2018 में ब्रिटेन को पछाड़ भारत बनेगा दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
भारत नोटबंदी के दौर से उबर चुका है। जीएसटी में भी हुए हालिया बदलाव से देश की इकोनमी को बल मिला है और अप्रत्यक्ष टैक्स कलेक्शन में नए आकंड़े देखे गए हैं।
2017 भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अहम पड़ाव साबित हुआ है। भले ही 2017 में देश की अर्थव्यवस्था नोटबंदी और जीएसटी के चलते प्रभावित हुई हो पर आने वाले वर्षों में यही बदलाव भारत को विश्वअर्थव्यवस्था की नई बुलंदी पर ले जाएंगे। 2017 में नोटबंदी के कारण भारत की अर्थव्यवस्था 6.8 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ आगे बढ़ी, ये ग्रोथ 2016 से कम थी, 2016 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.1 प्रतिशत थी। पर अब भारत नोटबंदी के दौर से उबर चुका है। जीएसटी में भी हुए हालिया बदलाव से देश की इकोनमी को बल मिला है और अप्रत्यक्ष टैक्स कलेक्शन में नए आकंड़े देखे गए हैं।
अब देश 2018 में प्रवेश कर चुका है और 2017 में हुए बदलावों का असर दिखना इसी वर्ष से शुरु हो जाएगा। दुनिया भर के आर्थिक विशेषज्ञों ने इस बात के सकारात्मक अनुमान लगाए हैं कि भारत 2018 में ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़कर आगे बढ़ जाएगा। अंग्रेजी समाचार पत्र बिजनेस स्टैंडर्ड ने इस बारे में रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस विषय में प्रसिद्ध पत्रिका फोर्ब्स ने 2017 में भविष्यवाणी की थी कि भारत 2020 तक ब्रिटेन को पीछे छोड़ देगा लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि भारत ये कारनामा 2018 में ही कर दिखाएगा।
5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत
आंकड़ो के मुताबिक फोर्ब्स के लेख में दिए आंकड़े का जनसत्ता ने जिक्र किया है जिसमें लिखा है कि, ब्रिटेन की 1.87 ट्रिलियन पाउंड की जीडीपी एक डॉलर के मुकाबले 1.35 पाउंड की एक्सचेंज रेट पर 2.69 ट्रिलियन डॉलर में बदलती है। वहीं भारत की 153 (अनुमानित) ट्रिलियन रुपए की जीडीपी एक डॉलर के मुकाबले 63.90 रुपये से बदलने पर 2.26 ट्रिलियन डॉलर होती है। भारत की जीडीपी ग्रोथ की बात करें तो भारत 6.8 फीसदी की ज्यादा की दर से आगे बढ़ रहा है, जिससे भारत भविष्य में अपने और ब्रिटेन के बीच के फासले को और बढ़ा सकता है, वहीं ब्रिटेन 1.8 की विकास दर से आगे बढ़ रहा है।
जीडीपी
भारत की वर्तमान जीडीपी 2.264 ट्रिलियन डॉलर है। भारत दक्षिण एशियाई देशों के मुकाबले बहुत बड़ी अर्थव्यवस्था है साथ ही भारत के पास मैन पॉवर सबसे ज्यादा है। इस कारण से दुनिया के देश भारत में निवेश करेंगे और ये निवेश भारत की अर्थव्यवस्था को और गति देंगे। वहीं ब्रिटेन की जीडीपी भले ही भारत से थोड़ी अधिक हो लेकिन यूरोपीय यूनियन से अलग होने के बाद वहां बेरोजगारी बढ़ेगी, साथ ही अर्थव्यस्था की गति भी धीमी पड़ जाएगी।
प्रति व्यक्ति आय
भारत के मुकाबले ब्रिटेन की प्रति व्यक्ति आय कई गुना ज्यादा है। भारत की प्रति व्यक्ति आय जहां 6,490 डॉलर है वहीं ब्रिटेन की प्रति व्यक्ति आय 42,100 डॉलर है।
विकास दर
विकास दर के मामले में एक बार फिर भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है। भारत की वर्तमान विकास दर 6.8 है और विश्वबैंक, IMF समेत दुनिया भर के विशेषज्ञों का मानना है कि, अगले कुछ वर्षों तक भारत इसी या फिर इससे तेज गति से विकास करेगा। वहीं भारत के मुकाबले ब्रिटेन की विकास दर 1.8 है।
बेरोजगारी दर
भारत ने पिछले 15 वर्षों में देश में विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया है जिससे देश में नए रोजगार पैदा हुए हैं, वहीं वर्तमान मोदी सरकार की विकासोन्मुखी नीतियों से आने वाले वर्षों में और रोजगार पैदा होने की उम्मीद जताई जा रही है। भारत की वर्तमान बेरोजगारी दर 3.6 है जबकि ब्रिटेन की बेरोजगारी दर 6.3 है।
डॉलर की कीमत
भारत में वर्तमान में एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 63.90 रुपए है जबकि डॉलर के मुकाबले ब्रिटिश पाउंड की कीमत 1.35 अमेरिकी डॉलर है।
गरीबी के आंकड़े
इस मामले में भारत को अभी और सुधार करना है, आंकड़ो में ये संख्या बेहद कम लग रही है लेकिन देश की आबाकी के अनुपात में ये संख्या करोड़ो में है। भारत में वर्तमान गरीबी की दर 20.6 फीसदी है जबकि ब्रिटेन के संबंध में बिश्व बैंक ने किसी तरह के गरीबी के आंकडे़ नहीं दिए हैं।
सारांश
कुल मिलाकर देखा जाए तो भारत ने 200 सालों तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहकर काफी कुछ खोया वहीं ब्रिटेन की भारत की अकूत धन-संपदा का लाभ उठाया और दुनिया की महाशक्ति बन बैठा। अब आजादी के 69 वर्ष बाद भारत ने सतत विकास के जरिए ये बता दिया है कि तमाम कठिनाइयों के बावजूद भारत दुनिया का नेतृत्व करने की क्षमता रखता है और आर्थिक नजरिए से भारत दुनिया के विकासशील देशों के लिए प्रेरणास्रोत बन सकता
है।