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पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने पर क्या बोले वित्तमंत्री जेटली

By Ashutosh
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संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में मंगलवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल को जीएसटी के अंतरगत लाने पर एक अहम बयान दिया। वित्तमंत्री ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि पेट्रोल के दाम को जीएसटी में लाने का काम सरकार का नहीं है। हालांकि उन्होंने ये भी आश्वासन दिया कि सरकार और जीएसटी परिषद पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

क्या जीएसटी के दायरे में आगे पेट्रोलियम?

क्या जीएसटी के दायरे में आगे पेट्रोलियम?

राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सदस्य ने पूछा कि सरकार पेट्रोल को जीएसटी से बाहर क्यों रख रही है और पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं लाया जा रहा है। इस प्रश्न के उत्तर में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि, ये सही है कि पेट्रोल जीएसटी के दायरे से बाहर नहीं है पर अभी तक इस पर जीएसटी परिषद ने कोई निर्णय नहीं लिया है। वित्तमंत्री ने कहा कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट जीएसटी के ही अंग हैं और उन्हें इसके दायरे से बाहर नहीं रखा जा सकता है।

GST काउंसिल को लेना होगा निर्णय
 

GST काउंसिल को लेना होगा निर्णय

वित्तमंत्री ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर लेवी लगाने का निर्णय जीएसटी काउंसिल की सहमति के बाद ही लिया जा सकता है। वित्तमंत्री ने आगे कहा कि किसी भी वस्तु पर लेवी लगाने का फैसला तभी लिया जाता है जब जीएसटी परिषद के 75 प्रतिशत सदस्यों का उसे समर्थन मिल रहा हो। वित्तमंत्री ने कहा कि इसके लिए किसी कानून में संशोधन करने जैसी कोई बात नहीं है। इसके लिए जीएसटी परिषद के पास निर्णय लेने का संवैधानिक अधिकार मौजूद है। वित्तमंत्री ने कहा कि जब जीएसटी काउंसिल इस संबंध में कोई निर्णय लेगी तभी पेट्रोलियम पदार्थों तो जीएसटी के अंतरगत लाया जा सकता है।

जीएसटी परिषद राजनीति से दूर

जीएसटी परिषद राजनीति से दूर

वहीं जीएसटी से जुड़ा एक अन्य सवाल भी वित्तमंत्री अरुण जेटली से पूछा गया कि, जीएसटी की दरें जीएसटी परिषद मिलकर तय करती है और परिषद में सभी राज्यों की भागीदारी होती है फिर जीएसटी को लेकर अंदर कुछ और बाहर कुछ और बयान क्यों दिए जाते हैं। इस सवाल के जवाब में वित्तमंत्री ने कहा कि, जीएसटी काउंसिल में हर राज्य के वित्तमंत्री हैं और केंद्र शासित प्रदेशों के भी सदस्य हैं, इसके अलावा केंद्रीय वित्तमंत्री और केंद्रीय वित्तराज्य मंत्री भी रहते हैं। वित्तमंत्री ने कहा कि हर महीने जीएसटी परिषद की मीटिंग होती, और अभी तक जीएसटी की दरों से जुड़े जितने भी निर्णय लिए गए हैं वह सर्वसम्मति से लिए गए हैं, जीएसटी काउंसिल अभी राजनीति से दूर है।

चिदंबरम ने पूछा सवाल

चिदंबरम ने पूछा सवाल

वित्तमंत्री के इस जवाब पर पूर्व वित्तमंत्री और राज्यसभा सदस्य पी चिदंबरम ने अपनी प्रतिक्रिया दी। पी चिदंबरम ने कहा कि वह वित्तमंत्री के बयान से संतुष्ट हैं, लेकिन वित्तमंत्री ने सवाल का सीधे जवाब ना देकर एक तार्किक उत्तर दिया है। पी चिदंबरम ने वित्तमंत्री से पूछा कि जीएसटी परिषद कब ये निर्णय लेगी कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के अंतरगत लाया जाए, जबकि केंद्र सरकार के पास ये अधिकार है कि वह जीएसटी काउंसिल को इस बारे में विचार करने के लिए कह सके। चिदंबरम ने अपने सवाल में क्रूड ऑयल के दामों का भी जिक्र किया और कहा कि अब तक देश में पेट्रोलिम पदार्थों के दाम में 20 फीसदी की कमी हो जानी चाहिए थी।

वित्तमंत्री ने दिया जवाब

वित्तमंत्री ने दिया जवाब

इस सवाल के जवाब में वित्तमंत्री ने कहा कि, यूपीए के शासन काल में सरकार ये बात जानती थीं कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों के दायरों को जानती थी। वित्तमंत्री ने कहा कि जब यूपीए के समय 115वें संविधान संशोधन में पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया और ये कांग्रेस के शासनकाल में हुआ। वित्तमंत्री ने कहा कि अब कांग्रेस विपक्ष में है इसलिए वह ये बात कह सकती है कि वर्तमान सरकार पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में नहीं ला रही है, पर हम देश को इस बात का भरोसा दिलाना चाहेंगे कि हम पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में जरूर लाएंगे।

English summary

FM Arun Jaitley Give Answer On Petroleum Under GST

FM Arun Jaitley Give Answer On Petroleum Under GST,
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