GST:उत्पादों में नए के साथ पुराना MRP लगाना भी जरुरी
जीएसटी को लेकर एक नया फरफान व्यापरियों के लिए आ गया है। नए नियम के अनुसार नए जीएसटी रेट के MRP के साथ पुराना MRP लगाना अब जरुरी है। उपभोक्ता विभाग ने एक अधिसूचना जारी करके कहा है कि मौजूदा स्टॉक में जो भी उत्पाद उनके पास पड़े हैं उन पर मौजूदा एमआरपी के साथ ही नया एमआरपी स्टीकर लगाएं। विभाग ने यह साफ किया है पुराना एमआरपी भी दिखना चाहिए। इस तरह कंपनियों के पास जो पुराना स्टॉक पड़ा है उन्हें उस पर भी नए एमआरपी के साथ स्टीकर लगाने होंगे।
घटे रेट का मिले फायदा
उपभोक्ता विभाग के मेट्रोलॉजी डिवीजन ने सभी एफएमसीजी कंपनियों को 16 नवंबर को अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना के मुताबिक एफएमसीजी कंपनियों के पास जो मौजूदा स्टॉक हैं, उसे कंपनियां पुराने एमआरपी पर नहीं बेच सकती हैं। उन्हें इन उत्पादों पर भी नया अधिकतम खुदरा मूल्य दिखाना होगा। ताकि आम आदमी को घटे जीएसटी रेट का फायदा मिल सके।
नहीं चलेगा पुराने स्टॉक का बहाना
कोई भी कंपनी इस आधार पर घटे जीएसटी रेट का फायदा देने से इंकार नहीं कर सकती कि उसके पास पुराना स्टॉक है। इससे पहले वित्त सचिव हंसमुख अधिया भी यही बात कह चुके हैं। उन्होंने सभी एफएमसीजी कंपनियों को जल्द ही रेट घटाने के लिए कहा था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
इन कंपनियों ने घटाए दाम
आपको बता दें कि आईटीसी और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी कई एमफएमसीजी कंपनियों ने घटे जीएसटी रेट का तोहफा आम आदमी को देना शुरु कर दिया है। इन्होंने अपने कई उत्पादों के रेट घटा दिए हैं। हिंदुस्तान यूनिलीवर ने भी कहा है कि जीएसटी रेट में हुई कटौती का फायदा ग्राहकों को देने के लिए कंपनी ने अपने उत्पादों के रेट में कटौती की है।
डाबर ने भी घटाए दाम
डाबर कंपनी ने पहले ही शैम्पू, स्किन केयर प्रोडक्ट की चीजों में रेट कम कर दिया है। कंपनी ने इनके दाम में 9 प्रतिशत तक की कटौती की है। कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह उसके पास मौजूदा समय में उपलब्ध भंडार पर भी घटे जीएसटी रेट से काफी फायदा दे रही है।