8 वीं फेल बच्चा आज बन गया है करोड़पति, मुकेश अंबानी भी हैं क्लाइंट
23 वर्ष की उम्र में किसी भी युवा व्यक्ति के पास अनेक आइडिया होते हैं। परन्तु लुधियाना के इस लड़के ने ऐसी सफलता प्राप्त की जिसके बारे में बहुत से लोग सिर्फ सोचते रहते हैं। उसने अपने आइडिया को एक सफल बिजनेस में बदल दिया। स्कूल ड्रॉपआउट त्रिशनित अरोड़ा ने एक नैतिक हैकर के रूप में अपनी पहचान बनाई है और उसने उत्तर भारत की पहली साइबर एमरजेंसी रिस्पोंस टीम स्थापित की है। आज त्रिशनित करोड़पति बन चुके हैं और उनके क्लाइंट मुकेश अंबानी से लेकर देश विदेश की कई बड़ी कंपनियां हैं।
यहां पर आपको त्रिशनित अरोड़ा की सक्सेज स्टोरी के बारे में आपको विस्तार से बताएंगे-
साइबर सुरक्षा के लिए त्रिशनित को ही बुलाया जाता है
अरोड़ा 8वीं कक्षा की परीक्षा में फेल हो गए थे और उन्होंने स्कूल जाना छोड़ दिया। अब वे काफी आगे निकल आये हैं। सेल्फ स्टडी, पिता के कंप्यूटर में एक्पीरिमेंट करके देखना और यूट्यूब पर वीडियो देखकर खुद भी प्रयोग करना एक लाभकारी कदम साबित हुआ। जब कभी भी साइबर सुरक्षा का उल्लंघन होता है तब उन्हें बुलाया जाता है।
22 साल की उम्र में खुद की कंपनी खोल ली
सातवीं कक्षा के बाद उन्होंने डिस्टेंस एजुकेशन सिस्टम के द्वारा अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी करके बीसीए किया और 19 साल की उम्र में कंप्यूटर फिक्सिंग और सॉफ्टवेयर क्लीनिंग करना सीख गए। 22 साल की उम्र में त्रिशनित ने अपनी खुद की कंपनी खोल ली। लुधियाना में उनका कॉर्पोरेट ऑफिस है तथा इसके अलावा उनके वर्चुअल ऑफिस दुबई और यू. के. में भी है। उनका दावा है कि लगभग 40% क्लाइंट्स उन्हें इन्ही स्थानों से मिलते हैं।
50 फार्च्यून 500 कंपनियां हैं क्लाइंट
वे पहली पीढ़ी के उद्यमी हैं एवं उन्होंने टीएसी सिक्योरिटी सॉल्यूशंस की स्थापना की जो एक साइबर सिक्युरिटी कंपनी है जो नेटवर्क की संवेदनशीलता और डाटा की चोरी से कंपनियों को सुरक्षा प्रदान करती है। उनके क्लाइंट्स रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड, सीबीआई, पंजाब पुलिस और गुजरात पुलिस हैं। उनका कहना है कि 50 फार्च्यून 500 कंपनियां अब उनके क्लाइंट्स हैं।
साइबर चोरी से बचाते हैं साइट्स को
अभी तक त्रिशनित अपने क्लाइंट्स की साइट्स को साइबर चोरी से बचाने का काम करते हैं। परन्तु उनका विश्वास है कि यदि साइबर अटैक होता है तो उनके सामने एक बहुत बड़ा मार्केट है जहाँ क्लाइंट्स का सारा ऑनलाइन डेटा चोरी हो जाता है जिसे वे सुरक्षित कर सकते हैं।
2 करोड़ टर्न ओवर का लक्ष्य
उनका लक्ष्य 2 करोड़ टर्न ओवर का है। उनका कहना है कि, मैं यू.एस. में भी अपने बिजनेस का विस्तार करने का प्रयत्न कर रहा हूँ और इसके लिए पूंजीपतियों से बातचीत चल रही है। त्रिशनित ने 'हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा' 'द हैकिंग एरा' और 'हैकिंग विद स्मार्ट फोन्स' नाम से किताबें भी लिखी हैं।