सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा झटका जेपी की संपत्ति हुई फ्रीज
जेपी ग्रुप को एक और बड़ा झटका मिला है। निवेशकों का पैसा दूसरे प्रोजेक्ट में लगाने और फ्लैट का समय पर आवंटन न करने के मामले में फंसे जेपी एसोसिएट्स के निदेशकों के संपत्ति बेचने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने जेपी असोएिट्स की ओर से जमा कराई गई 275 करोड़ रुपए की रकम को स्वीकार कर लिया है। अदालत के आदेश के बिना ये लोग अपनी संपत्ति नहीं बेच सकेंगे। यही नहीं निदेशकों के पारिवारिक सदस्य भी अपनी संपत्ति नहीं बेच सकेंगे।
दर्ज हो सकता है अपराधिक मामला
शीर्ष अदालत ने कहा है कि यदि आदेश के बावजूद निवेशक अपनी संपत्ति बेचने की कोशिश करते हैं तो उनके खिलाफ आपराधिक मामला चलेगा। अदालत ने 13 नवंबर को हुई सुनवाई में जेपी ग्रुप से निवेशकों के 2,000 करोड़ रुपए लौटाने का प्लान पूछा था।
जमा कराए 275 करोड़ रुपए
इसके अलावा 22 नवंबर को सभी निदेशकों को व्यक्तिगत रुप से अदालत में मौजूद रहने का आदेश दिया था। इस पर जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड ने बुधवार को शीर्ष अदालत में 275 करोड़ रुपए जमा कराए। अदालत ने ग्रुप को 14 दिसंबर को 150 करोड़ रुपए और 31 दिसंबर को 125 करोड़ रुपए जमा कराने का आदेश दिया है।
अगली सुनवाई 10 जनवरी
इस मामले की अगली सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी की तारीख तय की है। अदालत ने इस दिन सभी 13 निवेशकों से पेश होने को कहा है। 13 नवंबर को हुई सुनवाई में ग्रुप की तरफ से 100 करोड़ रुपए जमा कराने और 593 करोड़ रुपए आईसीआईसीआई बैंक में जमा होने की बात कही गयी थी। इस पर कोर्ट से इस रकम को निकालने का आदेश दिया था।
लोगों को था बेसब्री से इंतजार
जेपी ग्रुप के अलग-अलग प्रोजेक्ट्स से जुड़े लगभग 30 हजार बायर्स की निगाहें अदालत की सुनवाई पर थीं। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स के सरकार के नामित सदस्यों को छोड़कर बाकी सभी निदेशकों को व्यक्तिगत रुप से 22 नवंबर को पेश होने का आदेश दिया था। इसमें सभी को अपनी संपत्ति का ब्यौरा शपथपत्र के साथ प्रस्तुत करने का आदेश भी दिया था।