राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति का वेतन नौकरशाहों से भी कम
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को अब भी देश के प्रमुख नौकरशाहों और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के मुकाबले कम वेतन मिलता है। ऐसा इसलिये है क्योंकि करीब दो साल पहले सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद आई विषमताओं को दूर करने के लिये कानून में अब तक संशोधन नहीं हो पाया है।
वेतन बढ़ाने के लिए प्रस्ताव तैयार
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और राज्यपालों के वेतन बढ़ाने का एक प्रस्ताव तैयार कर करीब एक साल पहले मंजूरी के लिये कैबिनेट सचिवालय को भेजा था।
अब तक फैसला नहीं हो पाया है
नाम जाहिर न करने की शर्त पर अधिकारी ने समाचार एजेंसी को बताया कि इस पर हालांकि अब तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। अभी राष्ट्रपति को प्रतिमाह डेढ़ लाख रूपये, उप राष्ट्रपति को सवा लाख रूपये और राज्यों के राज्यपाल को 1.10 लाख रूपये प्रतिमाह वेतन मिलता है।
कैबिनेट सचिव का वेतन ढाई लाख
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के एक जनवरी 2016 के लागू होने के बाद देश के सर्वोच्च नौकरशाह कैबिनेट सचिव का वेतन ढाई लाख रूपये प्रतिमाह है जबकि केंद्र सरकार के सचिवों का वेतन प्रतिमाह सवा दो लाख रूपये है।
सेना प्रमुखों से भी कम है वेतन
राष्ट्रपति तीनों सशस्त्र सेनाओं - जल, थल और वायु- के सर्वोच्च कमांडर भी होते हैं। राष्ट्रपति का वेतन तीनों सेनाओं के प्रमुखों के वेतन से भी कम है जिन्हें कैबिनेट सचिव के बराबर वेतन मिलता है।
5 लाख रुपए हो सकता राष्ट्रपति का वेतन
अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद इस आशय का विधेयक संसद में पेश किया जायेगा। प्रस्ताव के मुताबिक राष्ट्रपति का वेतन पांच लाख रूपये प्रतिमाह, उप राष्ट्रपति का वेतन साढ़े तीन लाख रूपये प्रतिमाह और राज्यपाल का वेतन तीन लाख रूपये प्रतिमाह हो सकता है। इससे पहले वर्ष 2008 में आखिरी बार राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और राज्यपाल के वेतन में इजाफा किया गया था।