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यूपी-तमिलनाडु पर सबसे ज्यादा कृषि ऋण, परेशान हैं किसान

By Ashutosh
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भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे मजबूत नींव हैं किसान, लेकिन आज उनकी हालत बेहद खराब है। भारत में किसानों की आत्महत्या और उनके उपर लदे कर्जों के आंकड़े किसी से छुपे नहीं है। पूरे देश में किसान कर्ज लेकर खेती कर रहे हैं। खेती भी ऐसी जिससे कोई फायदा नहीं मिल रहा है। ऐसे में किसान लगातार कर्ज के बोझ के तले दबता चला जा रहा है। देश के तमाम राज्यों में किसानों पर बहुत ही ज्यादा कर्ज है। हालांकि राज्य सरकारें भी किसानों को राहत देने के लिए ऋण माफ करने का एलान भी कर चुकी हैं।

 
यूपी-तमिलनाडु पर सबसे ज्यादा कृषि ऋण, परेशान हैं किसान

RBI की एग्रीकल्चर लोन बुक अकाउंट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 2015-16 में सबसे ज्यादा कृषि ऋण लेने वाले किसान उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु से हैं। बैंकों द्वारा कुल 8.94 लाख करोड़ रुपए का लोन दिया गया है। इसमें से 50 फीसदी लोन यूपी, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पंजाब और आंध्रप्रदेश के किसानों द्वारा लिया गया है।

 

आंकड़ो के मुताबिक इसमें से 40% के आस-पास लोन छोटे और सीमांत किसानों पर है। इन किसानों पर औसतन 2 लाख रुपए तक की राशि बकाया है। हालांकि यूपी में योगी सरकार के आने के बाद छोटे और सीमांत किसानों का 1 लाख रुपए तक का ऋण माफ कर दिया गया है।

ये हैं आंकड़े

प्रदेशलोन
तमिलनाडु11.40%
उत्तरप्रदेश11.30%
महाराष्ट्र9.00%
पंजाब8.70%
आंध्रप्रदेश8.50%

उत्तर प्रदेश में किसानों को राहत देने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने लोन माफी की घोषणा की है। इसके बाद पंजाब, कर्नाटक और महाराष्ट्र ने भी लोन माफी का एलान किया था।

राज्य कृषि ऋण माफी
उत्तर प्रदेश36,000 करोड़ रुपए
महाराष्ट्र34,000 करोड़ रुपए
पंजाब10 हजार करोड़ रुपए
कर्नाटक8 हजार करोड़ रुपए

इस माफी के बाद भी किसानों की स्थिति खराब है। लोन माफी की राशि सही तरह से किसानों के खातों में नहीं पहुंच रही है जिससे उन्हें परेशानी का समाना करना पड़ रहा है। ऐसे में ये राज्य सरकारों की जिम्मेदारी बनती है कि वह किसानों को उनके ऋण की माफी सही ढंग से उनके खातों में उपलब्ध कराएं।

English summary

Agriculture Loan, UP, Tamilnadu On Top Of The List

Uttar Pradesh And Tamilnadu Top On The Agriculture Loan Table. Five States Of India Have 50% Loan Then others.
Story first published: Monday, October 16, 2017, 17:59 [IST]
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