अमित शाह के बेटे जय द वायर पर करेंगे ₹100 करोड़ की मानहानि का केस
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह के स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा किए गए लेनदेन पर सवाल उठाने वाली एक रिपोर्ट को बीजेपी ने रविवार को 'दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक' बताया और कहा कि जय शाह रिपोर्ट के लेखक और समाचार वेबसाइट 'द वायर' के संपादकों और मालिकों के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की दीवानी और आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मामले पर मीडिया से बातचीत में कहा कि जय शाह की कंपनियों -टेम्पल एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड और कुसुम फिनसर्व- द्वारा किए गए सभी लेनदेन और लिए गए ऋण पारदर्शी थे और ऋण को ब्याज के साथ वापस अदा किया गया था।
दुर्भावनापूर्ण रिपोर्ट
गोयल ने कहा, "दुर्भावनापूर्ण तरीके से रिपोर्ट के जरिए हमारे नेता अमित शाह की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। जय शाह ने लेखक, संपादक और समाचार वेबसाइट के मालिकों के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का आपराधिक और दीवानी मानहानि का मुकदमा दायर करने का निर्णय लिया है।" गोयल ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि यह 'पुरानी कांग्रेस शैली' है।
कांग्रेस पर हमला
उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि कांग्रेस भी स्पष्ट करे कि यदि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो उन्हें गांधी परिवार के लेन-देन से संबंधित न्यायमूर्ति ढींगरा आयोग की रिपोर्ट को रोकने के लिए अदालत में नहीं जाना चाहिए।"
रॉबर्ट वाड्रा पर भी निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के भूमि लेन-देन में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए राज्य में सत्ता में आने के बाद, हरियाणा सरकार ने ढींगरा आयोग का गठन किया था।
दलील
गोयल ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इस देश में बैंकों या एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) से ऋण लेने पर कोई रोक है। और सभी ऋण कानून के अनुसार ब्याज की व्यावसायिक दरों पर लिए गए हैं और उसके लिए जमानत भी दी गई है। एनबीएफसी से लिया गया ऋण पूरी तरह ब्याज के साथ अदा कर दिया गया है।"
हर सवाल का दिया जवाब
उन्होंने कहा कि जय शाह ने अपने सभी लेनदेन का पूरा विवरण दिया है और 'द वायर' के संवाददाता द्वारा पूछे गए 'सभी सवालों के जवाब में विस्तार से दिया' है, क्योंकि 'उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है'।
छोटा कारोबार
टेम्पल एंटरप्राइज के कारोबार में 80 करोड़ रुपये की अचानक बढ़त पर गोयल ने कहा कि यह कंपनी कृषि-वस्तुओं का कारोबार कर रही थी, जिसमें 'अधिक मात्रा और ऊंचे मूल्य तो हैं, लेकिन लाभ मार्जिन कम' है। उन्होंने कहा, "यहां तक कि अगर आप कुछ लेनदेन करते हैं, तो मात्रा बहुत अधिक हो जाती है। कमोडिटी कारोबार में 80 करोड़ रुपये कोई बड़ा कारोबार नहीं है।"
कर्जों पर दिया जवाब
राजेश खांडवाला के स्वामित्व वाली केआईएफएस फाइनेंशियल सर्विसिस से लिए गए ऋणों पर गोयल ने कहा कि आमतौर से बैंक नई और छोटी कंपनियों को ऋण नहीं देते हैं और इसलिए यह ऋण व्यावसायिक ब्याज दर पर पंजीकृत एनबीएफसी केआईएफएस से लिया गया था।
गोयल के तर्क
उन्होंने कहा कि कालूपुर कॉमर्शियल सहकारी बैंक ने कुसुम फिनसर्व को 25 करोड़ रुपये का ऋण नहीं दिया है, बल्कि जमानत के रूप में सिर्फ एक साख-पत्र (एलसी) दिया है। गोयल ने कहा, "इसके अतिरिक्त 10 प्रतिशत नकद मार्जिन दिया गया और इसके अलावा अमित शाह की संपत्ति और कुसुम फिनसर्व का कार्यालय भी इस एलसी सुविधा के लिए गिरवी रखा गया था।"
आरोपों को बताया निराधार
उन्होंने कहा, "यह दुर्भावनापूर्ण और निंदनीय प्रयास है। हम इन सभी आधारहीन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हैं और जय शाह के कारोबार का भरोसा इस सच्चाई से जाहिर होता है कि उन्होंने मानहानि का मुकदमा दाखिल करने का तत्काल फैसला किया है।"