बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के साथ जुड़ना चाहती है रिलायंस
अवसंरचना क्षेत्र की प्रमुख कंपनी, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्च र ने मंगलवार को कहा कि वह भारतीय रेल की एक लाख करोड़ रुपये की अति महत्वाकांक्षी परियोजना में भागीदारी करेगी। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्च र के अध्यक्ष अनिल डी. अंबानी ने कंपनी के शेयरधारकों की 88वीं वार्षिक आम बैठक में संबोधित करते हुए कहा, "हम कई जापानी कंपनियों से संयुक्त उपक्रम के माध्यम से जुड़े हुए हैं और हम एक लाख करोड़ रुपये की इस अति महत्वाकांक्षी परियोजना में भागीदारी करेंगे।"
अन्य परियोजनाएं
अंबानी के अनुसार, कंपनी ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीदी, निर्माण) खंड पर ध्यान दे रही है। अंबानी ने कहा, "मुंबई में बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक के लिए बोलीदाता के रूप में हमें चुना गया है, और मेट्रो ठेकों के लिए भी हमे आशय पत्र प्राप्त हुए हैं।"
पनडुब्बियों का भी ठेका मिलेगा
उन्होंने कहा, "इसके अतिरिक्त हमने मुंबई-नागपुर राजमार्ग परियोजना के लिए भी निविदा हासिल कर ली है।" अंबानी ने आगे कहा कि सरकार जल्द ही 50,000 करोड़ रुपये कीमत की छह पनडुब्बियों के विनिर्माण का ठेका भी दे सकती है।
रक्षा क्षेत्र में तमाम अवसर
उन्होंने कहा, "पीपावाव के अधिग्रहण के बाद भारत में मात्र हम दो कंपनियां हैं, जो पनडुब्बियों के निर्माण के लिए सरकार की रणनीतिक साझेदारी कार्यक्रम में भागीदारी करने की स्थिति में हैं।" उन्होंने कहा, "हम मानते हैं कि रक्षा क्षेत्र एक उदयकाल वाला क्षेत्र है। देश की 90 प्रतिशत रक्षा उपकरणों का आयात किया जाता है।"
बुलेट ट्रेन परियोजना
आपको बता दें कि, भारत में बुलेट ट्रेन को जापान की शिंकाशेन रेल परियोजना की तर्ज पर शुरु किया जा रहा है। शिंकाशेन बुलेट ट्रेन की औसत स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटे है। जबकि अधिकतम रफ्तार 360 किलोमीटर है। हालांकि जापान में 600 किलोमीटर प्रतिघंटे की ट्रेन का भी ट्रायल हो चुका है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत में चलने वाली शिंकाशेन बुलेट ट्रेन की भी रफ्तार 320-350 किलोमीटर प्रतिघंटे तक रहेगी।