149 साल में पहली बार बंद होगी TATA ग्रुप की कोई कंपनी
149 साल में ऐसा पहली बार होगा कि टाटा ग्रुप की कोई कंपनी लगातार घाटे में चलने के कारण बंद कर दी जाए। टाटा ग्रुप अपनी एक कंपनी को जल्द ही बंद करने की घोषणा कर सकता है। इस कंपनी पर 34,000 करोड़ रुपए का कर्ज है जिसे अब कर्ज देने वाली संस्थाएं वापस करने के लिए दबाव बना रही हैं।
टेलीसर्विस कंपनी होगी बंद
समाचार पोर्टल इकोनामिक टाइम्स ने इस बारे में खबर प्रकाशित की है। देश का दिग्गज कारोबारी समूह टाटा अपने टेलिकॉम बिजनस को समेटने की तैयारी में है। मोबाइल सर्विस सेक्टर में बिजनस करने वाली समूह की कंपनी टाटा टेलिसर्विसेज को बेचने की कई बार कोशिश करने के बाद भी असफल रहने पर ग्रुप इस बारे में विचार कर रहा है।
लगातार घाटे में चल रही है कंपनी
टाटा ग्रुप की यह कंपनी लंबे समय से घाटे में चल रही है। मामले से जुड़े करीबी सूत्रों का कहना है कि इस यूनिट को बेचने में असफल रहने के बाद चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन अब इस कारोबार को समेटने पर ही विचार कर रहे हैं। यदि टाटा समूह की योजना सिरे चढ़ती है टाटा टेलिसर्विसेज ग्रुप की पहली ऐसी कंपनी होगी, जो 149 सालों के इतिहास में बंद होगी।
34,000 हजार करोड़ रुपए का कर्ज
यदि यह टेलिकॉम कंपनी बंद होती है तो टाटा समूह की बैलेंस शीट पर गहरा असर पड़ेगा। समूह की इस कंपनी पर 34,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। यही नहीं कंपनी को कर्ज देने वाली संस्थाएं भी अब रकम वसूली के लिए दबाव बना रहे हैं। संभवत: यह पहला मौका है, जब टाटा समूह की कोई कंपनी इस तरह के संकट में फंसी है।
टेलीकॉम मार्केट में 4% हिस्सेदारी
टाटा टेलिसर्विसेज के कुल 4.5 करोड़ सबस्क्राइबर्स हैं। भारत के मोबाइल टेलिफोनी मार्केट में कंपनी की हिस्सेदारी 4 फीसदी की है। हालांकि कंपनी यदि अपने टेलिकॉम स्पेक्ट्रम को बेचती है तो उसे अपने कर्ज को घटाने में कुछ मदद मिलेगी। टाटा संस के प्रवक्ता ने बताया, 'टाटा टेलिसर्विसेज की जहां तक बात है तो समूह सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है।'
डोकोमो ने खींचे हाथ
पिछले कुछ समय में टाटा टेलिसर्विसेज की कई कंपनियों से बातचीत असफल रही है। हाल में ही कंपनी की भारती एयरटेल और रिलायंस जियो से बातचीत चल रही थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। कंपनी के जापानी साझेदार डोकोमो की ओर से हाथ खींचे जाने के बाद से ही विकल्पों पर विचार चल रहा है। डोकोमो की टाटा टेलिसर्विसेज में 26 फीसदी की हिस्सेदारी थी।