20 लाख तक की ग्रेच्युटी पर नहीं लगेगा टैक्स, सभी कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार ने संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की कर मुक्त ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को इसके लिए ग्रेच्युटी भुगतान कानून में संशोधन के प्रस्ताव को पारित कर दिया है। निजी क्षेत्र के अलावा सरकारी कंपनियों के कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा। अब ग्रेच्युटी के मामले में उन्हें केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर सुविधाएं मिलेंगी।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में मिली मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय काबिनेट ने ग्रेच्युटी भुगतान कानून, 2017 को मंजूरी दे दी है। वर्तमान में कर मुक्त ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपए है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इसे बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दिया गया है।
मुद्रास्फीति एवं वेतन बढ़ोत्तरी कर मुक्त ग्रेच्युटी
इसके बाद से ही निजी क्षेत्र एवं सरकारी कंपनियों के कर्मचरियों को यह सुविधा देने पर विचार किया जा रहा है। सरकार ने मुद्रास्फीति एवं वेतन बढ़ोत्तरी कर मुक्त ग्रेच्युटी की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख करने का फैसला किया है।
सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का है लक्ष्य
केंद्र सरकार ने कहा है कि ग्रेच्युटी भुगतान कानून में संशोधन का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। मालूम हो कि न्यूनतम पांच साल की सेवा के बाद ही ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है।
5 फीसदी हुआ मंहगाई भत्ता
केंद्र सरकार ने 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनधारियों को बढ़े हुए मंहगाई भत्ते का तोहफा दिया है। मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव के मुताबिक उन्हें बेसिक वेतन पर अब चार के बजाय पांच फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा।
नया भत्ता 1 जुलाई से लागू माना जाएगा
नया भत्ता 1 जुलाई से लागू माना जाएगा। केंद्र सरकार पर इस मद में हर साल 3068.26 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा। वित्त वर्ष 2017-18 तक बढ़े हुए मंहगाई भत्ते के भुगतान पर 2.45.50 करोड़ रुपए खर्च होंगे।