मेक इन इंडिया: F-16 भारत में बनाने का प्रस्ताव, IAF होगी मजबूत
लड़ाकू विमान बनाने वाली अमेरिका की एयरोस्पेस टेक्नॉलजी कंपनी लॉकहीड मार्टिन भारत में लड़ाकू विमान एफ-16 के निर्माण को लेकर एक बड़ी इंटरनेशनल डील करने के करीब है। कंपनी के एक उच्च स्तर के अधिकारी ने बताया कि अगर कंपनी को भारतीय एयर फोर्स के लिए लड़ाकू विमान सप्लाई करने का ऑर्डर मिल जाता है, तो वह भारत में ही अपना प्लांट स्थापित कर यहां लड़ाकू विमान के निर्माण का काम शुरू करेगी।
मेक इन इंडिया
कंपनी की यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्लान 'मेक इन इंडिया' का हिस्सा होगी। पीएम मोदी ने भारत में निर्माण कार्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मेक इन इंडिया योजना की शुरुआत की है। इस डील के तहत भारतीय सेना को करीब 100 सिंगल इंजिन जैट विमानों को सप्लाई की जाएगी, जिनका निर्माण भारत में ही होगा। इस रेस में अमेरिका की इस बड़ी कंपनी के साथ स्वीडन की साब (SAAB) रेस में है।
लॉकहीड और साब में टक्कर
भारत सरकार ने इस संदर्भ में लॉकहीड और साब से इस डील के संदर्भ में अपनी योजना और डिजाइन पेश करने के लिए एक औपचारिक निवेदन किया है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस योजना को नई 'स्ट्रैटिजिक साझेदारी' नीति के तहत अंजाम दिया जाएगा। इस नीति के तहत विदेशी विमान निर्माता कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर वर्ल्ड-क्लास के देसी विमानों का निर्माण करेंगी। लॉकहीड ने टाटा अडवांस्ड सिस्टम को अपने लोकल पार्टनर के रूप में चुना है, वहीं साब ने अभी तक अपने लोकल पार्टनर का खुलासा नहीं किया है।
पाकिस्तान चिंतित
वहीं इस डील से पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कई तरह की बातें हो रही हैं। पाकिस्तान को चिंता हो रही है कि अगर भारत में ये विमान बनने लगे तो उसे आगे F-16 विमानों की सप्लाई मिलेगी या नहीं। आपको बता दें कि पाकिस्तानी वायुसेना F-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करती है और ये उनके सबसे उन्नत विमानों में से एक है। वहीं अब यदि भारत F-16 लड़ाकू विमान बनेंगे तो इसे पाकिस्तान को बेचने का फैसला भारत के ही हाथों में रहेगा।
F-18 को लेकर भी बन सकती है बात
लॉकहीट मार्टिन एफ-16 के अलावा एफ-18 सुपर हॉर्नेट भी भारत में ही बनाने पर विचार कर रही है। कंपनी का मानना है कि यदि सबकुछ ठीक रहा और भारत से डील फाइनल हो गई तो एफ-18 सुपर हॉर्नेट विमान भी भारत की ही जमीन पर तैयार होंगे। आपको बता दें कि ये प्रोजेक्ट अरबों डॉलर का होगा जिसके जरिए भारत में बड़ा विदेशी निवेश होगा।
भारत में बढ़ रहा विदेशी निवेश
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इंन इंडिया मुहिम के तहत तमाम विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर या फिर अकेले ही भारत में अपना व्यापार शुरु करना चाह रही हैं। चीन की मोबाइल कंपनी, जापान की कंपनी, कोरिया की कंपनियां और अब अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन भी इस लिस्ट में शामिल हो चुकी है।