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जन धन योजना की उपलब्धियां, 3 साल में खुले साढ़े 29 करोड़ खाते

By Ashutosh
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प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तीन साल पूरे हो चुके हैं। इस दौरान पीएम मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जनधन योजना की सपलता के लिए लोगों को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री जन-धन योजना का उद्देश्य गरीबों को वित्तीय सेवाएं प्रदान करना है। इसके अन्तर्गत गरीबों के लिए बैंक खाते खोलना, उन्हें भुगतान के इलेक्ट्रोनिक साधन (जैसे रुपे RUPAY कार्ड) प्रदान करना तथा उन्हें स्वयं ऋण एवं बीमा प्राप्त करने की स्थिति में रखना शामिल है। इस लेख में दर्शाए गए सभी तथ्य और आंकड़े वित्त एवं रक्षा मंत्री अरुण जेटली द्वारा दिए गए हैं। यह लेख पत्र एवं सूचना कार्यालय की वेबसाइट पर प्रेस विज्ञप्ति के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

जन धन योजना की परिकल्पना

जन धन योजना की परिकल्पना

इसकी परिकल्पना, वास्तव में इसका लक्ष्य और भी व्यापक था क्योंकि इसके अन्तर्गत गरीबों की वित्तीय उपेक्षा समाप्त करना प्रमुख था, जिससे उनके जीवन में आर्थिक, डिजीटल और सामाजिक तिरस्कार समाप्त हो। इससे भारत के निर्धनों का आर्थिक शोषण दूर होगा और वे सामाजिक मुख्य धारा का आधारभूत अभिन्न अंग भी बनेंगे।

उपलब्धियों पर तीन वर्ष- कई आयामों के साथ उल्लेखनीय रहे हैं

उपलब्धियों पर तीन वर्ष- कई आयामों के साथ उल्लेखनीय रहे हैं

  1. प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के अन्तर्गत कुल खाते जनवरी 2015 में 12.55 करोड़ से बढ़ाकर 16 अगस्त, 2017 को 29.52 करोड़ खोले गए।
  2. प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) अन्तर्गत कुल ग्रामीण खातों की संख्या जनवरी 2015 में 7.54 करोड़ से बढ़कर 16 अगस्त, 2017 को 17.64 करोड़ हुई।
  3. रुपे (Rupay) कार्ड जारी करने की संख्या जनवरी 2015 में 11.08 करोड़ से बढ़कर 16 अगस्त, 2017 को 22.71 हुई।
  4. लाभार्थी खातों में कुल देय राशि 65,844.68 करोड़ व प्रति खाते में औसत देय राशि जनवरी 2015 में 837 रुपय से बढ़कर 16 अगस्त, 2017 को 2231 रुपये हुई।
  5. प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के अन्तर्गत कुल शून्य राशि खातों की संख्या सितम्बर 2014 में 76.81 प्रतिशत से घटकर अगस्त, 2017 में 21.41 प्रतिशत हुई।
  6. मार्च 2014 में, 33.69 करोड़ की राशि के साथ महिलाओं के बचत खातों की संख्या 28 प्रतिशत थी। मार्च 2017 में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक आर.आर.बी (RRB) व 40 शीर्ष बैंको के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं का योगदान 40 प्रतिशत हो गया। महिलाओं के कुल 43.65 करोड़ खातों में से महिलाओं द्वारा प्रधानमंत्री जनधन योजना के अन्तर्गत 14.49 करोड़ खाते खोले गए। यह महिलाओं के वित्तीय समायोजन की बढ़त व तीव्र विकास को दर्शाता है।

 

अन्य योजनाएं

अन्य योजनाएं

वित्त समावेशन के अतिरिक्त सरकार ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और दुर्घटना बीमा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) के अन्तर्गत गरीबों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कदम उठाए हैं। 7 अगस्त, 2017 को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) के अन्तर्गत कुल नामांकन 3.46 करोड़ था व प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) के अन्तर्गत 10.96 करोड़ था इन दोनों योजनाओं में 40 प्रतिशत तक नामांकित महिलाएँ हैं।

JAM क्रांति की शुरुआत

JAM क्रांति की शुरुआत

प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के सम्पूर्ण ढाँचे में मुद्रा योजना (MUDRA YOJANA) के कार्यान्वन को सफल बनाया है। 18 अगस्त, 2017 तक 8.77 करोड़ लाभार्थियों को 3.66 लाख करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। यह राशि उनके बैंक खातों में गई हैं। किन्तु जैसे ये बदलाव आया, प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) व अन्य योजनाएँ केवल शुरूआत थी क्योंकि इन्होने आगे ‘जैम' (JAM) क्रान्ति की शुरूआत की।

JAM शब्द की परिभाषा

JAM शब्द की परिभाषा

(JAM) एक शब्द की रचना व संकल्पित दृष्टिकोण, हमारे मुख्य आर्थिक सलाहकार के अनुसार यह सामाजिक क्रान्ति से कम नही हैं क्योंकि इससे आर्थिक समावेशन प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY), बायोमैट्रिक पहचान (आधार) एवं मोबाईल दूरसंचार को एकजुट किया है। आज भारत में लगभग 52.4 करोड़ आधार नम्बर 73.62 करोड़ खातों से जोड़ दिये गए हैं। इसके परिणामस्वरूप गरीब इलेक्ट्रोनिक भुगतान करने में सक्षम है। अब प्रत्येक माह लगभग 7 करोड़ सफलतापूर्वक भुगतान आधार कार्ड के जरिए गरीबों द्वारा किए जा रहे है।

35 करोड़ लाभार्थियों को मिला सीधा लाभ

35 करोड़ लाभार्थियों को मिला सीधा लाभ

सरकार अब 35 करोड़ लाभार्थियों के आर्थिक खातों में वार्षिक 74,000 करोड़ रुपये सीधे स्थानांतररित करती है, जो प्रतिमाह 6,000 करोड़ रुपये से अधिक है। यह स्थानांतरण विभिन्न सरकारी गरीबी उन्मुलन व समर्थन योजनाओं जैसे पहल (PAHAL) मनरेगा (MNREGA) वृद्धावस्था पेंशन (Old Age Pension), छात्रवृत्ति इत्यादि के अन्तर्गत की गई हैं।

JAM को मजबूती देंगा BHIM एप

JAM को मजबूती देंगा BHIM एप

अब भीम एप (BHIM APP) व Unified Payment Interface (UPI) के साथ, जैम पूर्णतः क्रियाशील हो सकता है। एक सुरक्षित और समेकित डिजीटल भुगतान ढाँचे का निर्माण किया गया है ताकि सभी भारतीय विशेष तौर पर निर्धन डिजीटल मुख्याधारा का हिस्सा बन सकें।

एक अरब-एक अरब-एक अरब दृष्टिकोण

एक अरब-एक अरब-एक अरब दृष्टिकोण

भारत के सन्दर्भ में, यह एक अरब-एक अरब-एक अरब दृष्टिकोण कहलाएगा। अर्थात् एक अरब आधार सँख्या को एक अरब बैंक खातों व एक अरब मोबाईल फोन से जोड़ा गया है। इस तरह से समूचा भारत आर्थिक (वित्त) व डीजीटल मुख्यधारा का हिस्सा बन सकता है।

GST किसी सामाजिक क्रांति से कम नहीं है

GST किसी सामाजिक क्रांति से कम नहीं है

जैसे अभी जीएसटी (GST) ने एक कर, एक बाजार, एक भारत की रचना की है, प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) एवं जैम (JAM) क्रांति सभी भारतीयों का एक समान वित्तीय, आर्थिक व डिजीटल समावेशन कर रही है। कोई भी भारतीय मुख्यधारा से अछूता नहीं रहेगा, यह सामाजिक क्रांति से कम नहीं है।

English summary

Jan Dhan Yojana third anniversary

Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana (PMJDY) aimed at providing financial services to the poor.
Story first published: Monday, August 28, 2017, 18:48 [IST]
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