डोकलाम विवाद के चलते चीनी कर्मचारी छोड़ रहे हैं भारत
डोकलाम विवाद का असर अब मोबाइल कारोबार पर भी दिखाई देने लगा है। चीनी मोबाइल कंपनी Oppo और Vivo के 400 चीनी कर्मचारी भारत छोड़कर वापस लौट रहे हैं। इकोनॉमिक्स टॉइम्स के अनुसार कंपनी का मानना है कि भारत से कर्मचारी हटाने का कदम उसने जुलाई और अगस्त के दौरान स्मार्टफोन सेल में गिरावट के चलते उठाई है।
सेल में गिरावट के चलते उठाया कदम
कंपनी का आरोप है कि भारतीय बाजार में चीनी उत्पाद विरोधी मानसिकता के चलते उसे सेल में गिरावट देखनी पड़ रही है। भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में जुलाई और अगस्त के दौरान ओप्पो और वीवो की सेल 30 फीसदी तक गिरी है। इस गिरावट के लिए ये कंपनियां मान रही हैं कि चीन विरोधी सेंटिमेंट के चलते उससे जुड़ी दर्जनों चीनी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां भारतीय स्मार्टफोन बाजार के अपने बड़े केद्रों से चीनी कर्मचारियों को वापस भेज रहे हैं।
Vivo के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर विवेक झांग भी चीन को रवाना
इन दोनों कंपनियों Oppo और Vivo के टॉप एक्जिक्यूटिव्स ने भारत में काम कर रही अन्य मोबाइल कंपनियों से भी संपर्क साधा है और उसकी सेल में आई गिरावट के मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। इकोनॉमिक्स टॉइम्स में यह भी बताया गया है कि वीवो के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर विवेक झांग भी चीन के लिए रवाना हो चुके हैं। गौरतलब है कि विवेक झांग वही चीनी कर्मचारी हैं जिन्होंने वीवी और इंडियन प्रीमियर लीग की डील में अहम भूमिका निभाई थी।
इस प्रकार है Oppo और Vivo हिस्सेदारी
Oppo और Vivo की भारतीय स्मार्टफोन बाजार में क्रमश: 13.2 और 19.2 फीसदी की हिस्सेदारी है। वहीं सबसे बड़े प्लेयर सैमसंग और जिओमी की हिस्सेदारी क्रमश: 18.7 और 16.2 फीसदी है।
भारतीय मोबाइल कंपनी की बढ़ जाएगी चुनौती
चीन की कंपनियों के इस रुख से मेक इन इंडिया को भी झटका लग रहा है। वहीं भारतीय मोबाइल कंपनियों के लिए चुनौती भी है कि वह बाजार में बिना चीनी कंपनियों के मौजूदा स्मार्टफोन डिमांड को पूरा करने के लिए तैयार हों। भारतीय स्मार्टफोन कंपनियों के अलावा मैन्यूफैक्चरिंग के अन्य क्षेत्रों में भी संभावना जताई जा रही है कि डोकलाम विवाद का दबाव बढ़ सकता है और भारत-चीन के आपसी कारोबार पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है।