बाजार से धन जुटाने की योजना को अंतिम रूप दे रहे हैं 12 सरकारी बैंक
पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ इंडिया और इंडियन बैंक सहित कम से कम सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंक बाजार से धन जुटाने की योजना को अंतिम रूप दे रहे हैं।
पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ इंडिया और इंडियन बैंक सहित कम से कम सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंक बाजार से धन जुटाने की योजना को अंतिम रूप दे रहे हैं, जिससे बासेल तीन (Basel III) के वैश्विक जोखिम नियम को पूरा करने के लिए अपना पूंजी आधार बढ़ा सकें।
चालू वित्त वर्ष के अंत तक दे सकते हैं अंतिम रुप
सूत्रों ने बताया कि आंध्रा बैंक सहित छह-सात बैंक चालू वित्त वर्ष के अंत तक अपनी पूंजी जुटाने की योजना को अंतिम रूप दे सकते हैं। शेष बैंक अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम या पात्र संस्थागत नियोजन के जरिये अगले वित्त वर्ष के दौरान बाजार से कोष जुटाने की योजना बना रहे हैं।
इन बैंकों को पहले से ही मिल चुकी है मंजूरी
इलाहाबाद बैंक, आंध्रा बैंक, बैंक आफ इंडिया, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, देना बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन बैंक और पंजाब नेशनल बैंक को सरकार से पहले ही क्यूआईपी या एफपीओ या तरजीही आवंटन के जरिये पूंजी जुटाने की मंजूरी मिल चुकी है। इसी तरह सिंडिकेट बैंक, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया और विजया बैंक को भी इसके लिए सरकार से मंजूरी मिल चुकी है और इनमें से कुछ ने यह प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है।
इस तरह समझें
उदाहरण के लिए इलाहाबाद बैंक को पहले ही क्यूआईपी, एफपीओ या राइट इश्यू के जरिये 2,000 करोड़ रुपये तक की पूंजी जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिल चुकी है। इसी तरह पीएनबी के निदेशक मंडल ने एफपीओ, क्यूआईपी या राइट इश्यू से 3,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दी है।
इंद्रधनुष रुपरेखा के तहत होगा काम
इंद्रधनुष रुपरेखा के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बासेल तीन की जरूरत को पूरा करने के लिए अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम और अन्य तरीकों से 1.10 लाख करोड़ रुपये बाजार से जुटाने की जरूरत होगी। यह राशि उन 70,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त है जो बैंकों को पूंजी सहयोग के रूप में सरकार से मिल रहा है। इनमें से 50,000 करोड़ रुपये की राशि सरकार पिछले दो वित्त वर्षों में दे भी चुकी है और शेष 2018-19 के अंत तक दी जाएगी।
इससे पहले जून में एसबीआई ने क्यूआईपी के जरिये 52.2 करोड़ शेयर बेचकर 15,000 करोड़ रुपये जुटाए थे।
(भाषा)