एलओसी के आर-पार 7 अगस्त से बहाल होगा यात्रा और व्यापार मार्ग
भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा के आर-पार श्रीनगर-मुजफ्फराबाद मार्ग पर यात्रा और व्यापार 7 अगस्त से बहाल हो जाएगा जो 21 जुलाई से बाधित था।
भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा के आर-पार श्रीनगर-मुजफ्फराबाद मार्ग पर यात्रा और व्यापार 7 अगस्त से बहाल हो जाएगा जो 21 जुलाई से बाधित था। इसके लिए जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के अधिकारियों ने गुरुवार (3 अगस्त) को बारामुला जिले की कमान पोस्ट पर बैठक की। बारामुला के उपायुक्त नासिर अहमद नकश ने कहा कि साप्ताहिक बस सेवा से यात्रा सोमवार (7 अगस्त) से शुरू होगी, जबकि व्यापार मंगलवार (8 अगस्त) से बहाल हो जाएगा। नकश ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच नियमित मासिक बैठक के लिए रजामंदी हुई है ताकि इस अवधि में कोई भी मतभेद उभरें तो उन्हें दूर किया जा सके। उपायुक्त ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर भी रजामंद हुए हैं कि जो लोग चाकन दा बाग-रावलकोट रास्ते से पाक के कब्जे वाले कश्मीर गए थे उन्हें सोमवार को इस रास्ते से वापस आने की अनुमति दी गई है।
जी न्यूज के मुताबिक इससे पहले जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार (29 जुलाई) को कहा था कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नियंत्रण रेखा के आर-पार होने वाले व्यापार पर रोक लगाने की मंजूरी नहीं देगी तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के साथ नियंत्रण रेखा के आर-पार और रास्ते खोलने की दिशा में काम करती रहेगी। उन्होंने यहां पार्टी के 18वें स्थापना दिवस पर एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए नियंत्रण रेखा के दूसरी तरफ से सदस्यों को विधानसभा में नामांकित करने का भी आह्वान किया ताकि साल में एक बार संयुक्त बैठक किए जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा, वाघा सीमा के जरिये काफी मुश्किलें आती हैं, वहां से चरस और गांजा आता है, लेकिन कोई उसे बंद करने की बात नहीं कर रहा। श्रीनगर-मुजफ्फराबाद रोड पर केवल एक गलती होने के कारण, हमें उसे बंद करने की बात नहीं करनी चाहिए। हमें ऐसा नहीं होने देना चाहिए। गत 21 जुलाई को पुलिस ने पीओके से आयी एक ट्रक से 66.5 किलोग्राम हेरोइन और ब्राउन शुगर जब्त किया था जिसकी कीमत 300 करोड़ रुपये है। ऐसी भी खबरें हैं कि कश्मीर में आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच कर रही एनआईए नियंत्रण रेखा के आर-पार के मार्गों पर व्यापार बंद करने की सिफारिश कर सकती है।
महबूबा ने कहा, हम और मार्ग खोलने के पक्ष में हैं. (सीमा प्रवेश स्थलों) पर बैंकिंग जैसी सुविधाएं होनी चाहिए। (ट्रकों के लिए) वहां (फुल) बॉडी स्कैनर होने चाहिए ताकि हमें पता चले कि वहां से क्या आ-जा रहा है। उन्होंने अविभाजित जम्मू-कश्मीर के लिए एक संयुक्त विधायिका के विचार पर चर्चा करते हुए कहा, हमारे विधानसभा में उस तरफ के कश्मीर के लिए सीटें आरक्षित हैं। हमें उन सीटों के लिए नामांकन करने को लेकर मिलकर फैसला लेना चाहिए। हमें फैसला करना चाहिए कि इस विधानसभा की हर साल एक बार इस कश्मीर और एक बार उस कश्मीर में बैठक हो ताकि हम पर्यटन, यात्रा और शारदा पीठ खोलने के बारे में बात कर सकें।