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गूगल ने खारिज किया हर्षित का दावा, कहा नहीं दिया कोई ऑफर

24 घंटे से भी कम वक्त में हर्षित शर्मा की फर्जी सफलता का पर्दाफाश हो गया।

By Ashutosh
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24 घंटे से भी कम वक्त में हर्षित शर्मा की फर्जी सफलता का पर्दाफाश हो गया। मंगलवार को सुर्खियों में आने के बाद हर्षित शर्मा ने बताया कि उसे गूगल की आइकॉन डिजायनिंग के लिए सलेक्ट कर लिया गया है साथ ही 2 साल की ट्रेनिंग और बाद में 12 लाख रुपए प्रति माह सैलरी का भी ऑफर दिया गया है। अब गूगल ने सीधे तौर पर इस खबर को और हर्षित के दावे को गलत करार दे दिया है। अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने इस बारे में खबर प्रकाशित की है।

हर दावा निकला फर्जी

हर दावा निकला फर्जी

इससे पहले हर्षित ने बताया था कि उसे गूगल के स्‍पेशल प्रोग्राम के लिए चुना गया है जिसमें उसे गूगल एक साल तक ट्रेनिंग देगा और इस दौरान उसकी सैलरी 4 लाख रुपए प्रति माह होगी। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद हर्षित की हर महीने सैलरी 12 लाख रुपए होगी। हर्षित के मुताबिक, गूगल ने हर्षित को अगस्‍त में ज्‍वाइन करने को कहा है, करुक्षेत्र, हरियाणा में मथाना के रहने वाले हर्षित 12 वीं क्‍लास में इंर्फोमेशन टेक्‍नोलॉजी लिया था।

ऑनलाइन इंटरव्यू देने का दावा

ऑनलाइन इंटरव्यू देने का दावा

हर्षित के अनुसार ऑनलाइन जॉब सर्च करते समय उसे गूगल का यह ऑफर दिखा। जिसके लिए उसने मई में अप्‍लाई किया और ऑनलाइन इंटरव्‍यू भी हुआ। पिछले 10 साल से ग्राफिक डिजाइनिंग में दिलचस्‍पी रखने वाले हर्षित के अनुसार जिस पोस्‍टर को डिजाइन किया उसके आधार पर ही सलेक्‍शन हुआ। मजे की बात ये है कि हर्षित की उम्र उसके अनुसार सिर्फ 16 साल है और उसे 10 साल से ग्राफिक डिजायनिंग में दिलचस्पी है यानि कि हर्षित 6 साल की उम्र से ही ग्राफिक डिजायन सीख रहा है और ये बात कुछ हजम होने लायक नहीं है।

पीएम मोदी से मिले ईनाम के दावों में कितनी सच्चाई?

पीएम मोदी से मिले ईनाम के दावों में कितनी सच्चाई?

हर्षित को प्रधानमंत्री की डिजीटल इंडिया स्‍कीम के तहत भी 7,000 रुपए का इनाम मिल चुका है। स्‍कूल को भी 2016 में स्‍मार्ट स्‍कूल का स्‍टेटस मिल चुका है। हर्षित ने कई तकनीकि कार्यक्रमों में अपने शिक्षकों की मदद की है। अब यहां एक और बात गौर करने वाली है और वो ये कि हर्षित को सीधे पीएम मोदी ने कोई पुरस्कार नहीं दिया था ये पीएम के जरिए मिला था जैसा कि हर्षित दावा कर रहा है अब ये ईनाम और सच्चाई भी संदेह के घेरे में है।

गूगल के बयान के बाद से छाई चुप्पी

गूगल के बयान के बाद से छाई चुप्पी

हर्षित के मुताबिक जब उसका का पोस्‍टर सलेक्‍ट हो गया था उसने बताया कि उसे गूगल की तरफ से एक इमेल भी आया था, जिस पर उसने ध्‍यान नहीं दिया था, लेकिन जब कुछ सप्‍ताह बाद गूगल की तरफ से उसे को फोन आया तब उसने ने इंटरव्‍यू के लिए हां किया और वीडियो कॉलिंग के द्वारा इंटरव्‍यू दिया। अब गूगल ने हर्षित के तमाम दावों को गलत करार दे दिया है। गूगल के इस बयान के बाद हर्षित और उसके परिवार के लोगों ने चुप्पी साध ली है।

English summary

Google Denies Hiring 16 Yr Old Harshit Sharma From Chandigarh

This might not be true after Google denied having “any information regarding the appointment
Story first published: Wednesday, August 2, 2017, 11:12 [IST]
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