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13.54 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुई सोलर ट्रेन दौड़ी पटरी पर

देश की पहली सोलर ट्रेन पटरी पर दौड़नी शुरू हो गई है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को भारत की पहली सोलर पैनल वाली डीएमयू (डीजल मल्‍टीपल यूनिट) ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

By Pratima
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देश की पहली सोलर ट्रेन पटरी पर दौड़नी शुरू हो गई है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भारत की पहली सोलर पैनल वाली डीएमयू (डीजल मल्‍टीपल यूनिट) ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस ट्रेन का परिचालन शनिवार से यानी की आज से शुरू हो जाएगा। बैटरी बैंक की सुविधा के साथ सौर ऊर्जा से चलने वाली यह ट्रेन बैटरी बैंक की वजह से सूरज की रोशनी के अभाव में भी पर्याप्‍त ऊर्जा प्राप्‍त कर सकेगी। आपको यहां पर इस ट्रेन की खूबियों के बारे में बताएंगे और साथ ही यह भी बताएंगे कि ट्रेन कहां से कहां तक चलेगी।

 

पर्यावरण के अनुकूल है ये ट्रेन

पर्यावरण के अनुकूल है ये ट्रेन

रेलवे के द्वारा इस ट्रेन को पूरी तरह से इको फ्रेंडली बनाया गया है। जिसमें की वित्‍तीय रुप से भी काफी फायदे होने वाले हैं। इस ट्रेन में 10 कोच हैं जिसमें दो मोटर और 8 पैसेंजर कोच हैं। ट्रेन के एक कोच में 89 लोगों के बैठने की व्‍यवस्‍था है।

ट्रेन की कुल लागत 13.54 करोड़ रुपए

ट्रेन की कुल लागत 13.54 करोड़ रुपए

इस ट्रेन की कुल लागत 13.54 करोड़ रुपए है। प्रत्‍येक पैसेंजर कोच बनाने में 1 करोड़ रुपए की लागत आई है। वहीं मोटर कोच के निर्माण में करीब 2.5 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसके अलावा प्रत्‍येक कोच में लगे सोलर पैनल पर 9 लाख रुपए खर्च हुए हैं।

हर कोच में है 300 वाट का  सोलर पैनल
 

हर कोच में है 300 वाट का सोलर पैनल

इस ट्रेन के हरेक कोच में 300 वाट के 16 सोलर पैनल लगे हुए हैं। इस सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली को बैटरी में स्‍टोर किया जाएगा। इस बिजली का इस्‍तेमाल रात को ट्रेन में बल्‍ब जलाने और फैन चलाने के लिए किया जाएगा।

रेलवे को होगी 672 करोड़ रुपए की बचत

रेलवे को होगी 672 करोड़ रुपए की बचत

चेन्‍नई के इंटेगरल कोच फैक्‍टरी में यह ट्रेन बनाई गई है। सोलर ट्रेन से प्रति कोच सालाना 12 लाख रुपए के डीजल की बचत होगी। साथ ही सालाना 9 टन कार्बन डाइऑक्‍साइड हरेक कोच से कम पैदा होगा। इसके अलावा रेलवे का सालाना करीब 672 करोड़ रुपए बचत होगी।

मेक इन इंडिया के तहत हुआ है निर्माण

मेक इन इंडिया के तहत हुआ है निर्माण

इस ट्रेन का बनाने का काम मेक इन इंडिया अभियान के तहत बने सोलर पैनल से हुआ है। दुनिया में पहली बार ऐसा हुआ है कि सोलर पैनलों का इस्‍तेमाल रेलवे में ग्रिड के रुप में हो रहा है।

110 किमी की अधिकतम स्‍पीड

110 किमी की अधिकतम स्‍पीड

यह ट्रेन दिल्‍ली के सराय रोहिल्‍ला स्‍टेशन से हरियाण के फारुख स्‍टेशन के बीच आवाजाही करेगी। इसकी अधिकतम स्‍पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है। सोलर पावर सिस्‍टम से ट्रेन करीब 48 घंटे तक चल सकती है। उसके बाद ही ओइचई पावर के लिए स्विच करने की आवश्‍यकता होगी।

महिलाओं और दिव्‍यांगों के लिए अलग डिब्‍बा

महिलाओं और दिव्‍यांगों के लिए अलग डिब्‍बा

ट्रेन के हर कोच में दोनों ओर से 1,500mm चौड़े दरवाजे होंगे जिन्‍हे खिसकाया जा सकता है। इस ट्रेन की यात्री क्षमता 2, 882 है। ट्रेन की ड्राइविंग पावर कार के पास महिलाओं एवं दिव्‍यांगों के लिए अलग कंपार्टमेंट्स होंगे।

English summary

Indian Railways Launches First Solar Powered Demu Train

Indian Railways Launches First Solar Powered Demu Train.
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