रेनसमवेयर के डर से देश भर के तमाम ATM हुए बंद!
रेनसमवेयर के खतरे से ATM भी अछूता नहीं है, RBI ने एहतियातन देश के तमाम एटीएम को कुछ देर बंद करने की हिदायत जारी की है।
रेनसमवेयर के खतरे से ATM भी अछूता नहीं है, RBI ने एहतियातन देश के तमाम एटीएम को कुछ देर बंद करने की हिदायत जारी की है। रेनसमवेयर एक तरह का वायरस होता है जो आपके सिस्टम और फाइलों को 'किडनैप' कर लेता है या कब्जा कर लेता है फिर जब आप हैकर द्वारा बताई गई रकम उसके खाते में जमा करते हैं तो वह आपके सिस्टम और फाइल को छोड़ता है। इसीलिए इसे रेनसमवेयर यानि फिरौती वाला वायरस भी कहते हैं।
RBI की अपील
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंको को सूचना जारी करते हुए कहा है कि वह या तो अपने सॉफ्टवेयर अपडेट करें या फिर एटीएम बंद करके और सॉफ्टवेयर अपडेट करने के बाद ही एटीएम शुरु करें। आरबीआई ने सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि जिन बैंकों के एटीएम के सॉफ्टवेयर अपडेट हो चुके हैं उन्हें ही चालू किया जाए।
वानाक्राई रेनसमवेयर
आपको बता दें कि दुनिया भर में "वानाक्राई रेनसमवेयर" की वजह से हंगामा मचा हुआ है। हाल ही में दुनिया में भारत समेत 100 देशों में इस रेनसमवेयर का हमला हो चुका है। साथ ही ये भी बताना चाहेंगे कि ये वायरस विंडोज माइक्रोसॉफ्ट को बड़ी संख्या में निशाना बना रहा है। इसकी चपेट में विंडोज के पुराने वर्जन विडोंज विस्टा, विंडोज-7 आदि आ रहे हैं। एक आंकड़े के मुताबिक करीब 60 फीसदी एटीएम आउटडेटेड विंडोज एक्सपी पर चल रहे हैं।
रेनसमवेयर विंडोज सिस्टम को निशाना बना रहा है
देश के तमाम या यूं कहें कि लगभग सभी एटीएम विंडोज आधारित सिस्टम पर ही चलते हैं और ये रेनसमवेयर विंडोज को ही अपना निशाना बना रहा है ऐसे में RBI द्वारा बैंकों को निर्देश देना एक तरह से सही कदम है।
परेशान होने की जरूरत नहीं
आरबीआई ने लोगों से अपील की है कि उन्हें इस वायरस के हमले से परेशान होने की जरूरत नहीं है, आरबीआई ने कहा कि एटीएम में किसी तरह का डेटा नहीं होता है सिर्फ कार्ड को पहचानने के बाद ही एटीएम काम करता है, ऐसे में एटीएम से किसी भी तरह की जानकारी या फिर डाटा लीक नहीं हो सकता है, इसके बावजूद भी आरबीआई किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है।
खतरा बरकरार
दुनिया सबसे बड़े साइबर हमले से जूझ रही है। यूरोपीय यूनियन की एजेंसी यूरोपोल का कहना है कि अभी खतरा टला नहीं हैं, बल्कि भविष्य में इसका खतरा अधिक है, यूरोपोल के मुताबिक साइबर हमले ने 150 देशों के दो लाख से ज्यादा सिस्टम को प्रभावित किया है।