IDEA-वोडाफोन विलय के बाद उठे 6 सवाल, जवाब यहां हैं
टेलीकॉम उद्योग में एक बड़े विलय के तहत सोमवार को वोडाफोन इंडिया और आदित्य बिड़ला ग्रुप के आइडिया सेल्युलर के बीच बहुप्रतीक्षित विलय का ऐलान कर दिया गया।
टेलीकॉम उद्योग में एक बड़े विलय के तहत सोमवार को वोडाफोन इंडिया और आदित्य बिड़ला ग्रुप के आइडिया सेल्युलर के बीच बहुप्रतीक्षित विलय का ऐलान कर दिया गया। आइडिया सेल्युलर ने सोमवार को कहा कि उसके निदेशक मंडल ने 'वोडाफोन इंडिया लिमिटेड और उसके पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी वोडाफोन मोबाइल सर्विस लिमिटेड के कंपनी (आइडिया) के साथ विलय को मंजूरी दे दी है।' इस विलय के बाद दोनों कंपनियों के ग्राहकों के मन में कुछ सवाल बार-बार उठ रहे हैं, हिंदी गुडरिटर्न्स पर पढ़िए उन 6 सवालों के जवाब जो आपको जरूर जानने चाहिए।
कौन होगा हेड ?
आइडिया ने एक बयान में कहा कि वोडाफोन के पास संयुक्त कंपनी की 45.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। बयान के मुताबिक, "आदित्य बिड़ला समूह के पास 26 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी और उसे समय के साथ हिस्सेदारी बराबर करने के लिए वोडाफोन से और अधिक शेयर लेने का अधिकार होगा।" इन दोनों कंपनियों के विलय के बाद इसके चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला होंगे जो आदित्य बिड़ला ग्रुप के हेड हैं।
क्या मर्जर के बाद नंबर-1 कंपनी बनेगी
विलय के बाद इस भारत में इस कंपनी के 400 मिलियन कस्टमर्स होंगे और मार्केट शेयर 35 फीसदी का होगा. यानी एयरटेल फिलहाल नंबर-1 टेलीकॉम कंपनी है, लेकिन विलय के बाद एयरटेल दूसरे नंबर पर चली जाएगी। इस कंपनी के पास सबसे ज्यादा मोबाइल यूजर्स तो होंगे ही साथ ही रेवेन्यू के मामले में भी भारती एयरटेल और जियो को माते देते हुए ये नंबर-1 बन जाएगी।
क्या आज से ही दोनों कंपनियां एक हो जाएंगी
नहीं, क्योंकि अभी आधिकारिक ऐलान हुआ है लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। आइडिया के बोर्ड से इस डील को हरी झंडी मिल गई है, लेकिन अभी कई अप्रूवल मिलने बाकी हैं। इनमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, मार्केट रेग्यूलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सजेंज बोर्ड और फोरेन इनवेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड शामिल हैं। 2018 तक प्रक्रिया पूरी होगी जिसके बाद ये दोनों कंपनियां एक हो जाएंगी।
किसके पास होगा सबसे ज्यादा शेयर
आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा, "हमें अब तक समर्थन देने वाले आइडिया के शेयरधारकों और ऋणदाताओं के लिए यह विलय बेहद लाभप्रद रहेगा। आइडिया और वोडाफोन साथ मिलकर एक बेहद महत्वपूर्ण कंपनी बनाएंगे।" विलय होने के बाद कंपनी के शेयर्स में 45.1 फीसदी वोडाफोन के पास होगा जबकि 26 फीसदी आइडिया का होगा। इसके अलावा बाकी शेयरहोल्डर्स का होगा।
क्या जियो और एयरटेल को होगा नुकसान
रिलायंस जियो भारत में तेजी से पांव पसार रही है, इसलिए दूसरी कपनियों पर दबाव बढ़ना लाजमी है. इस विलय से एयरटेल और जियो को खास नुकसान नहीं होगा, क्योंकि एयरटेल ने पहले ही टेलीनॉर को खरीद लिया है और कंपनी अपने 4G नेटवर्क को बेहतर करने के लिए तीकोना डिजिटल नेटवर्क से स्पेकट्रम खरीद रही है. इस डील की वैल्यू 1500 से 1700 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है. रिलायंस जियो न सिर्फ मोबाइल सर्विस से बल्कि कई दूसरी सर्विसों से भी अपने कस्टमर्स को रोकने की कोशिश करेगा
क्या कहा वोडाफोन ने
वोडाफोन समूह के कार्यकारी अध्यक्ष विट्टोरियो कोलाओ ने कहा, "वोडाफोन इंडिया और आइडिया के विलय से डिजिटल इंडिया का एक नया चैंपियन तैयार होगा। यह विलय दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और पूरे भारत के गांवों, शहरों और कस्बों में विश्वस्तरीय 4जी नेटवर्क लाने के ध्येय से किया गया है।"