पूर्व PM मनमोहन सिंह ने RBI गवर्नर उर्जित पटेल का किया बचाव!
जब उर्जित पटेल की सब तरफ से खिंचाई होने लगी तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनका बचाव किया।
नोटबंदी के बाद से विवादों में घिरे रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल अब संसदीय समिति के सवालों से परेशान हो गए हैं। बुधवार को नोटबंदी के मुद्दे पर रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल संसदीय समिति के सामने पेश हुए।
मुश्किल सवालों से हुआ सामना
समिति के सूत्रों ने बताया कि पटेल रिजर्व बैंक तथा वित्त मंत्रालय के कुछ अधिकारियों की टीम के साथ वित्त पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष पेश हुए। सदस्यों ने उनके समक्ष कई मुश्किल सवाल रखे। बैंकिंग प्रणाली में स्थिति कब तक सामान्य होगी और 50 दिन की निर्धारित अवधि में कितने पुराने नोट जमा हुए, ऐसे कुछ अटपटे सवाल थे जिनका वह कोई सीधा जवाब देने की स्थिति में नहीं दिखे।
पूर्व पीएम ने किया बचाव
भाषा न्यूज एजेंसी को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी को जी न्यूज के वेबसंस्करण में प्रकाशित किया गया है। इसके मुताबिक जब उर्जित पटेल की सब तरफ से खिंचाई होने लगी तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनका बचाव किया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने RBI के गवर्नर भी रह चुके हैं और उन्होंने उर्जित पटेल का बचाव करते हुए कहा केंद्रीय बैंक के रुप में रिजर्व बैंक के पद का सम्मान किया जाना चाहिए
समिति को पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने समझाया
मनमोहन सिंह खुद रिजर्व बैंक के गर्वनर रह चुके हैं। समझा जाता है कि उन्होंने समिति से कहा कि RBI गवर्नर से अटपटे सवाल नहीं पूछे जाने चाहिए। नकदी निकासी की सीमा को हटाए नहीं जाने के बारे में एक सदस्य के सवाल पर मनमोहन सिंह ने पटेल से कहा कि उन्हें इसका जवाब देने की जरूरत नहीं है।
क्या कहा उर्जित पटेल ने
सवाल जवाब के दौरान गवर्नर उर्जित पटेल ने संसदीय समिति को बताया कि नोटबंदी की घोषणा के बाद से 9.2 लाख करोड़ रुपए के नए नोट जारी किए जा चुके हैं। वित्त मामलों की स्थायी समिति के सदस्य सौगत रॉय ने RBI गवर्नर के साथ हुई बैठक के बाद कहा, जब उनसे पूछा गया कि कितने रुपए के नए नोट जारी किए गए तो उन्होंने बताया कि नौ लाख करोड़ से अधिक राशि के नए नोट अब तक जारी कर दिए गए हैं।
'आंकड़े नहीं दे सकते अभी गणना चल रही है'
तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने बताया, RBI गवर्नर ने बताया कि केंद्र सरकार ने RBI को नोटबंदी का सुझाव दिया था। इसके बाद बोर्ड ने राय मशविरा कर नोटबंदी का फैसला लिया। रॉय ने कहा, नोटबंदी के बाद कितनी राशि के पुराने अमान्य करार कर दिए नोट बैंकों में जमा हुए, पूछने पर उर्जित ने बताया कि अभी वह सही-सही आंकड़े नहीं दे सकते, क्योंकि गणना का काम अभी चल रहा है।
क्या नहीं बता सके पटेल
विपक्षी दल के सदस्यों के अनुसार, उर्जित यह बताने में भी असमर्थ रहे कि स्थिति कब तक सामान्य होगी और RBI के अन्य अधिकारी बचाव की मुद्रा में रहे। वित्त मामलों की स्थायी समिति की इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के सभी विभागों के सचिव तथा बैंक संघों के प्रतिनिधि मौजूद थे। कांग्रेस सांसद वीरप्पा मोइली इस संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं। RBI ने अब तक नहीं बताया कि अवैध करार दे दिए गए 15.44 लाख करोड़ रुपयों में से कितनी राशि बैंकों में वापस आ चुकी है।
समिति के सामने पेश किए ये आंकड़े
इससे पहले सात दिसंबर, 2016 को मौद्रिक नीति पर संवाददाता सम्मेलन में डिप्टी गवर्नर आर. गांधी ने बताया था कि नोटबंदी के बाद 6 दिसंबर, 2016 तक 4 लाख करोड़ रुपए के नए नोट जारी किए जा चुके हैं, जिसमें से 1.06 लाख करोड़ रुपए की राशि 100 रुपए से लेकर उससे कम राशि के नोटों के रूप में जारी हुए तथा 2.94 लाख करोड़ रुपए की राशि 500 और 2,000 रुपए के नए नोटों के रूप में किए गए। RBI ने इसके बाद 19 दिसंबर, 2016 को जारी नए आंकड़ों में कहा था कि नोटबंदी के बाद से कुल 5.93 लाख करोड़ रुपए की राशि के नोट जारी किए गए हैं।