मैरॉथन दौड़ते हैं, फोटोग्राफी करते हैं और 25.6 करोड़ रुपए की सेलरी लेते हैं टाटा संस के नए बॉस
टाटा संस के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी गैर पारसी को टाटा संस का चेयरमैन चुना गया है। टाटा संस के नए चेयरमैन के बारे में ऐसी ही तमाम बाते हैं जिन्हें आप नहीं जानते होंगें
करीब दो महीने चली उठा-पटक के बाद टाटा संस को उनका नया चेयरमैन मिल गया है। गुरुवार शाम टाटा संस की बोर्ड मीटिंग के बाद एन. चंद्रशेखरन को बतौर बॉस चुन लिया गया। टाटा संस के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी गैर पारसी को टाटा संस का चेयरमैन चुना गया है। टाटा संस के नए चेयरमैन के बारे में ऐसी ही तमाम बाते हैं जिन्हें आप नहीं जानते होंगें जैसे कि वह बतौर टीसीएस सीईओ 25.6 करोड़ रुपए की सेलरी पाते थे तो अब टाटा संस का चेयरमैन बनने के बाद उनका वेतन क्या होगा?
25.6 करोड़ रुपए वेतन
TCS के CEO के तौर पर एन. चंद्रशेखरन को 2016 के वित्तीय वर्ष में 25.6 करोड़ रुपए की सेलरी मिली थी। एन. चंद्रशेखरन को टाटा ग्रुप के बेहद विश्वसनीय लोगों में गिना जाता है यही नहीं वह रतन टाटा के भी करीबी हैं और 1987 से टीसीएस से जुड़े हुए हैं। साल 2015 में एन. चंद्रशेखरन को 21.5 करोड़ रुपए सेलरी मिली थी जो कि वर्ष 2014 की तनख्वाह से 18 फीसदी अधिक थी। ये लिस्ट यहीं नहीं खत्म हुई है, आगे पढ़िए एन चंद्रशेखरन को कितना मिलता है कमीशन?
18 करोड़ रुपए कमीशन
एन. चंद्रशेखरन को 2.28 करोड़ रुपए बतौर वेतन मिलता है जबकि 2.64 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सुविधाएं मिलती हैं। इसके अलावा 18 करोड़ रुपए बतौर कमीशन और 1.73 करोड़ रुपए दूसरे अलाउंसेज के तौर पर मिलते हैं। ये जानकारी समाचार पोर्टल मनी भास्कर पर दी गई है।
10 करोड़ का बोनस
टाटा संस के नए चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन को 10 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोनस वन टाइम स्पेशल बोनस भी दिया गया है। कंपनी ने ये बोनस स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के 10 साल पूरे होने के बाद दिया गया था। फिलहाल अब वह टाटा संस के चेयरमैन हैं और कंपनी ने अभी उनकी सेलरी या उनके शेयर हिस्सेदारी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
मुंबई में रहते हैं चंद्रशेखरन
1963 में जन्में चंद्रशेखरन, पत्नी ललिता और बेटे प्रणब के साथ मुंबई में रहते हैं। इससे पहले चंद्रशेखरन टाटा ग्रुप के क्राउन ज्वेल की अगुवाई कर रहे हैं। 2009 में वो टाटा कन्सलटेंसी सर्विसेज से जुड़े। 46 साल की उम्र में वो टाटा ग्रुप के सीईओ बने।
यहां से की है पढ़ाई
चंद्रशेखरन ने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अप्लाइड साइंस में बैचलर डिग्री और कंप्यूटर एप्लिकेशन में मास्टर की डिग्री त्रिची के एक संस्थान से ली। उन्हें कई विश्वविद्यालयों से मानद स्वरूप डिग्री और डॉक्ट्रेट मिला है। 1987 में TCS ज्वाइन करने वाले चंद्रेशेखर के कुल समय में इसका रेवेन्यू ग्रोथ 1,12,257 करोड़ रुपए से ज्यादा का हो गया। इसमें 3,71,000 कंसलटेंट शामिल थे। साथ ही मार्केट कैपिटल 4,76,435 करोड़ रुपए से ज्यादा की हो गई।
कई टास्क फोर्स के सदस्य भी रह चुके हैं
चंद्रशेखरन, भारत सरकार की ओर से गठित कई टास्क फोर्सेज के सदस्य भी रहे हैं। चंद्रशेखरन को फोटोग्राफी के साथ-साथ लंबी दूरी की दौड़ लगाना पसंद है। वो कई शहरों में संपन्न हुए मैराथनों में हिस्सा ले चुके हैं।
कई लोगों के नाम पर हुई थी चर्चा
इससे पहले भी साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद टाटा संस में अगले चेयरमैन को लेकर तमाम बिजनेस टाइकून्स के नाम सामने आए। इसमें इंदिरा नुई का भी नाम सामने आया था। टीसीएस ने आज ही (गुरुवार) को अपने तीसरी तिमाही के नतीजे घोषित किए हैं, इस तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 6778 करोड़ रुपए रहा है। टीसीएस के परिणामों की घोषणा के बाद टाटा संस ने अपने मुख्यालय बॉम्बे हाउस में बोर्ड मीटिंग बुलाई है। अभी यह मीटिंग चल रही है। सूत्रों का कहना है कि इस मीटिंग में टाटा संस के नए चेयरमैन के नाम का फैसला हो सकता है।
1987 में ज्वाइन किया था TCS
एन. चंद्रशेखरन ने 1987 में TCS ज्वॉइन किया था, उन्होंने तमिलनाडु में त्रिचि के रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से कम्प्यूटर साइंस में मास्टर की डिग्री हासिल की है। एन. चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टीसीएस ने 2015-16 में 16.5 अरब डॉलर का राजस्व अर्जित किया था। टीसीएस बाजार मूल्य के हिसाब से भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी है। इसका बाजार मूल्य 4.2 लाख करोड़ रुपए है।