दुकानदारों की मनमानी होगी खत्म, आटे-दाल की कीमत तय करेगी मोदी सरकार
अक्सर देखा गया है कि रोजमर्रा की जरूरत की चीजें और खाने-पीने के सामान का दाम हर दुकान पर अलग होता है। आटे का भाव किसी बड़ी दुकान पर कुछ होगा तो सामान्य दुकान पर कुछ और वहीं मॉल में यही आटा और भी महंगा बिक रहा होता है।
दाल के दामों में दिखी थी तेजी
हाल ही में दाल की कमी और उसके बढ़े हुए दाम ने पूरे देश में मोदी सरकार की किरकिरी करवाई। दाल के बढ़े हुए दामों को कम करने के लिए सरकार ने अफ्रीका से दाल आयात किया। वहीं इस बढ़े हुए दाम का फायदा जमाखोरों और विक्रेताओं ने खूब उठाया। दाल के दाम 250 रुपए किलो तक जा पहुंचे थे।
हर जगह अलग दाम !
ये हाल महज दाल का नहीं है, बल्कि दूध, चीनी, आटा, तेल, रिफाइंड समेत तमाम आवश्यक वस्तुओं के दाम हर जगह अलग-अलग हैं। अब केंद्र की मोदी सरकार खुदरा बाजार में मिलने वाली वस्तुओं के दाम को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है। खुले और पैक्ड सामान की कीमतों में भारी अंतर देखते हुए तय किया है कि अब दाम सरकार की तरफ से तय किए जाए। यदि सरकार की ये योजना लागू हो जाती है तो कोई भी दुकानदार किसी ग्राहक से तय मूल्य से अधिक दाम नहीं ले पाएगा।
मंत्रालय ने लिया संज्ञान
इस विषय में उपभोक्ता मंत्रालय ने पैक्ड सामान को लेकर नियमों में संशोधन किया है ताकि खुदरा मूल्य तय किए जा सकें। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया और हिंदी वेबपोर्टल आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार द्वारा नियमों में संशोधन यह कहता है कि, यदि किसी भी आवश्यक वस्तु की खुदरा बिक्री कीमत तय की गई है और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा अधिसूचित किया गया है, तो इसे लागू करना अनिवार्य है।'
जारी की गई अधिसूचना
ये अधिसूचना 7 सितंबर को जारी कि गई थी। इसमें कहा गया है कि यदि सरकार कीमत तय करती है और एक किलोग्राम, दो किलोग्राम या 500 ग्राम तक मानक मात्रा रखती है तो ये कीमतें खुदरा विक्रेताओं को माननी होंगी। रिपोर्ट के मुताबिक संबंधित अधिकारी नियमों और अधिसूचना की अनदेखी करने पर खुदरा विक्रेता पर 5000 रुपए तक जुर्माना लगा सकते हैं, साथ ही उसका माल जब्त कर सकते हैं। इन नए नियमों के लागू हो जाने से आवश्यक वस्तुओं के मामले में अधिकतम खुदरा मूल्य यानि MRP की अवधारणा खत्म हो जाएगी।
मूल्य अनियमितता होगी खत्म !
रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के दिनों में दाल की कीमतों में अचानक आए आश्चर्यजनक उछाल साथ ही खुले और पैक्ड सामान की कीमत में सरकार ने भारी अंतर को देखते हुए यह निर्णय लिया है। उम्मीद है कि सरकार के इस कदम से देश में अनियमित दाम और जमाखोरी पर लगाम लगेगी। सरकार की यह योजना जीएसटी के सिद्धांत एक देश, एक टैक्स के मुताबिक पूरे देश में हर सामान का एक समान मूल्य रखने जैसा है।