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1947 से 2022 : 4 रु वाला डॉलर पहुंचा 80 रु तक, ऐसा रहा सफर

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नई दिल्ली, अगस्त 15। आज भारत में 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। भारत को आजाद हुए 75 वर्ष हो चुके हैं। इन 75 सालों में कई चीजें बहुत महंगी हो गयीं, जबकि भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होता गया है। जब से भारत ब्रिटिश राज के चंगुल से बाहर निकला, भारतीय रुपये में कमजोरी आती चली गयी। एक समय अमेरिकी डॉलर 4 रुपये के बराबर था, मगर आज रेट 80 रु के आस-पास पहुंच गया है। आगे जानिए इन 75 सालों में डॉलर और रुपये का सफर कैसा रहा।

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लगभग 20 गुना की गिरावट

लगभग 20 गुना की गिरावट

आजादी के बाद से रुपया डॉलर के मुकाबले लगभग 20 गुना गिर चुका है। पिछले 75 वर्षों में रुपये की कमजोरी के कई कारण रहे हैं। इनमें व्यापार घाटे का 31 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचना शामिल है, जबकि स्वतंत्रता की शुरुआत में लगभग कोई घाटा नहीं था। इसमें मुख्य रूप से तेल के उच्च आयात बिल का योगदान रहा है।

1966 में हुआ बड़ा बदलाव
 

1966 में हुआ बड़ा बदलाव

1966 तक, भारतीय मुद्रा की ब्रिटिश पाउंड से तुलना होती है। इसका मतलब है कि अमेरिकी डॉलर को स्टैंडर्ड ग्लोबल करेंसी के रूप में स्वीकार किये जाने से पहले, रुपये को अमेरिकी डॉलर के बजाय पाउंड के मुकाबले में मापा जाता था। बता दें कि सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी के लिए देविका जौहरी और मार्क मिलर की एक रिपोर्ट बताती है कि 1949 में ब्रिटिश मुद्रा का अवमूल्यन किया गया और भारत का रुपया पाउंड के बराबर रहा। मगर फिर रुपये का पहली बार 1966 में अवमूल्यन किया गया और इसकी अमेरिकी मुद्रा से तुलना शुरू हुई।

60 का दशक रहा सख्त

60 का दशक रहा सख्त

रिकॉर्ड के अनुसार, साठ का दशक भारत के लिए सख्त रहा। वो दशक गंभीर आर्थिक और राजनीतिक तनाव वाला था। उस समय 1965-66 के दौरान, मानसून बहुत कमजोर रहा। इसके नतीजे में खाद्यान्न उत्पादन में गिरावट आई और औद्योगिक उत्पादन भी काफी गिर गया। विशेषज्ञों के अनुसार, मुद्रास्फीति विश्व कीमतों की तुलना में भारतीय कीमतों में बहुत अधिक बढ़ी। 6 जून, 1966 को रुपये के लिए बहुत बुरा दिन था, तब इंदिरा गांधी की सरकार ने एक बार में रुपये को 4.76 रुपये से घटा कर 7.50 रुपये कर दिया।

1991 से शुरू हुई भारी गिरावट

1991 से शुरू हुई भारी गिरावट

1 जुलाई 1991 को रुपये को बार बड़ी मुद्राओं के मुकाबले लगभग 9 प्रतिशत डीवैल्यूड किया गया। फिर दो दिन बाद इसमें 11 प्रतिशत का एक और डीवैल्युशन हुआ। इससे डॉलर के मुकाबले 25.95 रुपये पर पहुंच गया। मात्र तीन दिन में रुपया 18.5 फीसदी गिरा।

1991 की गिरावट अब भी जारी

1991 की गिरावट अब भी जारी

1991 के बाद से, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया सालाना 3.74 फीसदी सीएजीआर की गति से गिर रहा है। इसके मुख्य कारण मुद्रास्फीति और अमेरिका और भारत के बीच ब्याज दर का अंतर है। 2000 से 2007 के दौरान करेंसी में स्थिरता आई। यहां तक कि 2007 में रुपया 39 रु तक मजबूत हुआ। मगर 2008 की मंदी के बाद फिर से करेंसी में गिरावट आने लगी। इसके बाद 2013 की शुरुआत में रुपये में भारी गिरावट देखी गई। जून और अगस्त 2013 के बीच रुपया डॉलर के मुकाबले 27 प्रतिशत कमजोर हुआ और अब यह बीते शुक्रवार को 79.66 के स्तर पर बंद हुआ।

English summary

1947 to 2022 4 rupees dollar reached 80 rupees such was the journey

Today Independence Day is being celebrated in India on 15th August 2022. It has been 75 years since India got independence. In these 75 years many things have become very expensive, while the Indian rupee has become weak against the dollar.
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