Lockdown में 14 साल के लड़के ने सीखा बल्ब बनाना, खुद की कंपनी से कमा रहा लाखों
नयी दिल्ली। कोरोना के मद्देनजर मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान किया था। लॉकडाउन लगने के बाद पूरे में कारोबार ठप्प हो गए थे। ज्यादातर कारोबारों का उत्पादन, सप्लाई और बिक्री शून्य पर आ गई थी। मगर लॉकडाउन के दौरान एक 14 साल के लड़के ने बड़ा कारनामा कर दिखाया। आठवीं कक्षा के के इस छात्र ने बल्ब की खोज करने वाले थॉमस एडिसन के नक्शेकदम पर चलते हुए लॉकडाउन के दौरान बल्ब बनाना सीखा। इतना ही नहीं खुद की कंपनी खड़ी करके ये लड़का अब लाखों कमा रहा है और दूसरों को रोजगार भी दे रहा है। आइए जानते हैं पूरी कहानी।
छोटे स्तर से की शुरुआत
ये कहानी है गोरखपुर (यूपी) के रहने वाले अमर प्रजापति की। अमर ने लॉकडाउन के दौरान बल्ब बनाने का बकायदा प्रशिक्षण लिया। इसके बाद उन्होंने छोटे लेवल पर अपना कारोबार शुरू किया। अमर के इस छोटे कारोबार ने बहुत जल्दी तरक्की की। रफ्तार पकड़ते ही उन्होंने एलईडी बल्ब बनाने वाली एक कंपनी की नींव रख दी। बात इतनी ही नहीं है बल्कि इसके बाद उन्होंने 4 लोगों को नौकरी दी। अब अमर का इरादा अपने इस बिजनेस को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ले जाने का है। अमर की कंपनी की वेबसाइट भी तैयार है।
बनने चाहते हैं वैज्ञानिक
अमर वैज्ञानिक बनना चाहते हैं। जहां तक बल्ब की कंपनी का सवाल है तो इसके लिए उन्हें पीएम मोदी के मेक इन इंडिया से प्रेरणा मिली। लॉकडाउन में स्कूल बंद थे, जिससे उनकी भी पढ़ाई बंद हो गई। मगर वे खाली नहीं बैठे पिता की रजामंदी से उन्होंने बल्ब बनाना सीख लिया और धीरे-धीरे खुद का मुकाम हासिल कर लिया।
केवल 5 दिन में सीखा बल्ब बनाना
अमर की होशियारी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है उन्होंने केवल 5 दिन में 5 तरह के एलईडी बनाना सीखी थी। उनकी शुरुआत एक दिन में 10-15 बल्ब बनाने से हुई थी पर अब ये संख्या 500-700 तक पहुंच गई है। अपने पिता के नाम पर कंपनी खोल कर उन्होंने अपनी माता को उसकी एमडी यानी मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया है। उनके यहां 4 और लोग भी नौकरी करते हैं।
कितनी कमाई कितना मुनाफा
अमर के माता-पिता उनके इस छोटे से मगर साहसी सफर में साथ रहे हैं। उनके काम के लिए पिता ने 2 लाख रु की सहायता भी की। अमर की कंपनी में 8 लाख रु का निवेश आया है। वहीं उन्होंने अब तक 5 लाख रु का माल बेच कर 2.5 लाख रु का मुनाफा कमाया है। फिलहाल ऑनलाइन स्कूल के कारण वे 12 बजे ही फ्री हो जाते हैं। इससे अमर के पास भरपूर समय रहता है। इसके बाद वे अपना पूरा ध्यान अपने काम पर और नये लोगों को ट्रेनिंग में देने पर देते हैं।
क्वालिटी में दम और दाम भी कम
अमर ने अपने बल्ब की क्वालिटी ए-वन रखी है। उनके बल्ब की क्वालिटी अच्छी है। साथ ही उनके बल्ब बड़ी कंपनियों के प्रोडक्ट के मुकाबले बहुत काम दम पर भी उपलब्ध हैं। अपने काम में माता-पिता के अलावा अमर को अपने भाई-बहन का भी सहयोग मिलता है। उनकी बहन इस समय दसवीं और भाई सातवीं कक्षा में है।
8 लाख रु का हुआ कारोबार
अमर का कारोबार 2 लाख रु से शुरू होकर इस समय 8 लाख रु पर पहुंच गया है। वनइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार अमर की माता कहती हैं कि बच्चे की जिस क्षेत्र में दिलचस्पी हो पैरेंट्स को उसे उसी दिशा में आगे बढ़ने में मदद करनी चाहिए।
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