MSME के लिए जल्द खुलने वाला है खजाना, बंटेंगे 10 हजार करोड़ रु
नयी दिल्ली। 20.97 लाख करोड़ रु के राहत पैकेज में तनावग्रस्त एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) इकाइयों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी सहायता प्रदान करने की बात कही गई थी। इसके लिए एक फंड ऑफ फंड्स की शुरुआत जल्द ही हो सकती है। इस बात का खुलासा ही देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने हाल ही में किया है। ये फंड ऑफ फंड्स 10 हजार करोड़ रु का होगा। 10,000 करोड़ रुपये के फंड्स स्कीम का उद्देश्य एमएसएमई को ऐसे समय में विकास क्षमता हासिल करने में मदद करना है, जब वे इक्विटी और इनकम की भारी कमी का सामना कर रहे हैं।
इमरजेंसी क्रेडिट लाइन
एमएसएमई की मदद के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में बात करते हुए रजनीश कुमार ने कहा कि बैंकों ने ऐसे व्यवसायों, जो कोरोना से प्रभावित हुए हैं, को अपनी लिक्विडिटी में सुधार के लिए एक आपातकालीन क्रेडिट लाइन की घोषणा की है। फंड ऑफ फंड्स के उन्होंने बहुत जल्द शुरू होने की उम्मीद जताई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) की घोषणा की थी जिससे एमएसएमई को विकास क्षमता और बचे रहने में मदद मिलेगी, क्योंकि वे इक्विटी की भारी कमी का सामना कर रहे हैं।
मदर फंड के जरिए ऑपरेशनल होगा फंड ऑफ फंड्स
फंड को मदर फंड और कुछ डॉटर फंड्स के माध्यम से संचालित किया जाएगा ताकि एमएसएमई के आकार और क्षमता का विस्तार किया जा सके और उन्हें स्टॉक एक्सचेंज के मुख्य बोर्ड में लिस्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। एफओएफ योजना का उद्देश्य उन व्यवसायों की मदद करना है जो शुरुआती चरणों में हैं और जिनके पास निगमों या उद्यम पूंजीपतियों की मदद से पैसे जुटाने की लगभग कोई संभावना नहीं है। इस योजना में एमएसएमई में 15 प्रतिशत तक की ग्रोथ कैपिटल खरीदने का प्रस्ताव है।
एमएसएमई के लिए गोल्ड लोन
बैंक के अन्य कदमो के बारे में बोलते हुए एसबीआई अध्यक्ष ने कहा कि हाल ही में एमएसएमई के लिए एक गोल्ड लोन योजना शुरू की गई है और एक महीने के भीतर इस उत्पाद के तहत 88 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। जहां तक एमएसएमई को लोन का सवाल है तो हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि बैंक इमरजेंसी लोन फैसिलिटी के तहत एमएसएमई को लोन देने से इनकार नहीं कर सकते। उन्होंने ये भी कहा कि यदि बैंक मना करे तो इसकी सूचना दी जानी चाहिए। 23 जुलाई 2020 तक सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने 100 फीसदी आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत कुल 1,30,491.79 करोड़ रुपये के लोन पास कर दिए हैं, जिसमें से 82,065.01 करोड़ रुपये का लोन बांटा जा चुका है।
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