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एक Engineer हर महीने पपीते से कमा रहा 1 लाख रु से अधिक, आप भी करें ये काम

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नई द‍िल्‍ली, मार्च 18। अमेठी के सोमेश्वर सिंह एक समय नोएडा में एक इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे। वो उन कुछ लोगों में शामिल रहे, जिन्होंने कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान खेती में हाथ आजमाया। अब उनके पास चार एकड़ में पपीतों के खेत हैं जो उन्हें प्रति वर्ष लगभग 15 लाख रुपये की कमाई कराते हैं। यानी हर महीने 1 लाख रु से भी ज्यादा। आइए जानते हैं सोमेश्वर सिंह की पूरी कहानी।

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इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी में जॉब

इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी में जॉब

सोमेश्वर 2018 से नोएडा ब्रांच में एक इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी बिजनेस के लिए एक एक्जेक्यूटिव इंजीनियर के रूप में काम कर रहे हैं। वह अपनी कॉर्पोरेट नौकरी से प्रति माह 1 लाख रुपये से अधिक कमाते थे। कृषि जागरण की रिपोर्ट के अनुसार सोमेश्वर ने बताया कि इससे पहले, उन्होंने दो से तीन तकनीकी बिजनेसों के लिए काम किया। वहां उन पर काम का बहुत दबाव था।

उत्तर प्रदेश के हैं सोमेश्वर

उत्तर प्रदेश के हैं सोमेश्वर

सोमेश्वर उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के मधुपुर खादरी नामक एक छोटे से गाँव से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने अपनी इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की डिग्री के लिए गाजीपुर के आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग में दाखिला लेने से पहले श्री शिव प्रताप इंटर कॉलेज से कॉलेज की शिक्षा पूरी की। वे एक किसान परिवार से आते हैं। 12वीं कक्षा पास करने के बावजूद उनके पिता बचपन से खेती कर रहे हैं।

कुछ नया सोचा
 

कुछ नया सोचा

पिता की खेती करने के कारण सोमेश्वर के परिवार की आय कम रही। इसीलिए उन्होंने केवल एक ही महत्वाकांक्षा रखी - कड़ी मेहनत करने और बेहतर नौकरी पाने की। सौभाग्य से वे ऐसा करने में कामयाब रहे। मगर कोरोनावायरस लॉकडाउन ने उन्हें अपने गांव की ओर लौटने के लिए मजबूर कर दिया। 17 मार्च 2020 को वह अपने गांव लौट आए और घर से काम करना शुरू कर दिया।

खेती की थी समझ

खेती की थी समझ

बचपन में सोमेश्वर अपना समय अपने पिता के खेत में बिताते थे, इसलिए उन्हें थोड़ी बहुत खेती का ज्ञान है। इसलिए अपने खाली समय के दौरान उन्होंने अपनी मूल जगह से घर से काम करते हुए खेती को एक और प्रयास देने का फैसला किया। उन्होंने महसूस किया कि पपीते की फसल बेहतर होगी। व्यापक रिसर्च के बाद उन्होंने पपीते की खेती करने का सोचा।

यूट्यूब की ली मदद

यूट्यूब की ली मदद

पपीते की खेती के बेहतर तरीके सीखने के लिए सोमेश्वर ने यूट्यूबर वीडियो देखी और ऑनलाइन पढ़कर बहुत रिसर्च किया। उनके पौधों ने छह महीने के बाद पपीते के फल देना शुरू कर दिया। वे सप्ताह में एक बार फसल लेते हूं और एक फसल में लगभग 20-25 क्विंटल फल बिकने लायक होते। औसतन वे 1 किलो फल के लिए 20 रुपये कमाते हैं।

महीने में कई बार खेती

महीने में कई बार खेती

वे कभी-कभी महीने में पांच बार फलों की कटाई करते हैं। इसलिए छह महीने में वे पौधों, गाय की खाद और अन्य खर्चों के लिए अपने 6 लाख रुपये के निवेश की भरपाई करने में सक्षम रहे। अब एक साल हो गया है और उन्होंने जितना निवेश किया था उससे लगभग तीन गुना कमाने में कामयाब रहे। खास बात यह है कि वे जहरीले कीटनाशकों के बजाय नीम के तेल का उपयोग करते हैं। लेकिन कभी-कभी उन्हें फसल को वायरस से बचाने के लिए इमिडाक्लोप्रिड नामक कम हानिकारक कीटनाशकों का उपयोग करना पड़ता है। उनका अपनी कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ने का कोई इरादे नहीं है। खेत पर उनके पिता उनकी सहायता करते हैं। इसलिए वे खेत पर जितना संभव हो उतना समय बिताने की कोशिश करने की बात कहते हैं। साथ ही उनका टार्गेट विभिन्न फसलों पर प्रयोग करना भी, क्योंकि उनके पास एक बड़ा खेत है।

English summary

this Engineer is earning more than rs 1 lakh rupees per month from papaya

Someshwar is working as an Executive Engineer for an International Technology Business in Noida Branch since 2018. He used to earn more than Rs 1 lakh per month from his corporate job.
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