Success Story : मजबूरी में शुरू की नौकरी, फिर मिला बिजनेस आइडिया, अब 7 करोड़ रु है कमाई
नई दिल्ली, सितंबर 26। मेहनत और लगन के साथ इंसान कुछ भी कर सकता है। इन्हीं दो चीजों के सहारे लोग बड़े-बड़े बिजनेस खड़े करते हैं। एक ऐसी ही मिसाल कायम की है मुंबई के विकेष शाह ने। 1985 में 18 साल की उम्र में विकेष ने अपने परिवार की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए 12वीं कक्षा पास करने के तुरंत बाद एक बेकरी में नौकरी की शुरुआत की। मगर आज वे हर साल 7 करोड़ रु तक कमाते हैं। जानते हैं कैसा रहा उनका सफर।
Success Story : सेल्समैन से शुरू किया सफर, आज है कामयाब बिजनेसमैन
पढ़ाई में थे कमजोर
विकेष के मुताबिक वे कभी भी अच्छे छात्र नहीं थे और बमुश्किल पास हो पाते थे। उनके पिता एक हीरा व्यापारी थे और उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। एक समय उनके परिवार को एक दिन में दो वक्त की रोटी के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा था। इसलिए उनकी माँ ने भी ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया और वे एक बेकरी में 700 रुपये प्रति माह पर काम करने लगे। विकेष ने एक ट्रैवल एजेंसी, परफ्यूम और पब में भी छोटे-मोटे काम किए।
शुरू किया खुद का बिजनेस
उनकी शुरुआती भावनाएं जो भी रही हों, विकेष को अब ऐसा लगता है कि बेकिंग का काम उनका फ्यूचर। इस दिशा में पहला मोड़ 1997 में आया जब विकेष ने कैटरिंग बिजनेस शुरू किया। द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इस बिजनेस को दस साल चलाने के बाद, उन्होंने आखिरकार 2007 में अपनी ब्रिक एंड मोर्टार केक शॉप 'द हैप्पीनेस डेली' शुरू की, जो आज भी चलती है।
लॉन्च की कंपनी
विकेष ने 4 लाख रु की अपनी सारी बचत बिजनेस में लगा दी और कारोबार शुरू करने के लिए दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए। कोई भी उनके साथ सहयोग करने के लिए तैयार नहीं था। उनके पास केवल वर्षों के अनुभव से मिला आत्मविश्वास था। दुकान की शुरुआत के बाद उनके पास ऑर्डर आने लगे। उन दिनों बिजनेस की मार्केटिंग करने के लिए कोई सोशल मीडिया नहीं था। उन्होंने अपनी कॉन्टैक्ट डिटेल जस्ट डायर पर डाली। आखिरकार उन्होंने केक, पेस्ट्री, डोनट्स और अन्य बेकरी उत्पादों को सीधे ग्राहकों तक पहुंचाना शुरू किया। फिर कुछ साल पहले विकेष ने '99 पैनकेक' लॉन्च की।
यूरोपीयन देशों का किया दौरा
उन्होंने 2014 के आसपास यूरोपीय देशों का दौरा किया और वहां के रेस्तरां में बिकने वाले पेनकेक्स और वैफल्स की डिटेल ली। भारत में पेनकेक्स की अवधारणा ही काफी नई थी और बहुत से ग्राहकों को यह पसंद नहीं आया। मगर विकेष को लगा कि इसमें लोगों को आकर्षित करने की क्षमता है। 2017 में, उन्होंने मुंबई के काला घोड़ा में एक आउटलेट लॉन्च किया। मगर उनकी पहले हफ्ते की कमाई सिर्फ 500 रु रही।
करोड़ों में पहुंची कमाई
अगले 15 दिनों में ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी। उनके डेजर्ट तुरंत लोकप्रिय हो गए, और तब से, उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उस निराशाजनक शुरुआत से, आज महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और तेलंगाना के 14 शहरों में उनके 43 आउटलेट्स में 99 पैनकेक बेचे जाते हैं और वे हर साल 7 करोड़ रुपये की इनकम हासिल करते हैं। विकेष कहते हैं कि पैसे का पीछा नहीं करना चाहिए। क्योंकि संख्या और आंकड़े उतना मायने नहीं रखते, जितना कि किसी बिजनेस के संचालन की खुशी और संतुष्टि।