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Success Story : 1 हजार रु से हाउसवाइफ ने शुरू किया Business, कमाती हैं 3 लाख रु

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नई दिल्ली, सितंबर 15। एक हाउसवाइफ और तीन बच्चों की माँ रेखा कुमारी बिहार के हथुआ की रहने वाली हैं। रेखा कुमारी को अपने बच्चों के बड़े होने और आगे की शिक्षा के लिए घर से जाने तक कई वर्षों तक समय नहीं मिला। मगर फिर उनके पास काफी खाली समय आ गया। उन्होंने इस समय का उपयोग करने का फैसला किया। उन्होंने मशरूम बिजनेस के माध्यम से खेती और एंटरप्रेन्योरशिप को एक साथ लाने का प्रयास किया। अब वे बहुत मोटी कमाई करती हैं। जानिए उनकी कामयाबी की कहानी।

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अखबार से ली मशरूम की खेती की जानकारी

अखबार से ली मशरूम की खेती की जानकारी

रेखा के पास बहुत खाली समय था और वे बोरियत को दूर करना चाहती थीं, लेकिन किसी खास आइडिया और प्रोडक्टिविटी के साथ। उन्होंने आइडिया खोजने के लिए अखबारों की मदद ली, जिसमें उन्होंने मशरूम की खेती के बारे में पढ़ा। मशरूम की खेती के बिजनेस के मामले में जो चीज उन्हें सबसे ज्यादा आकर्षित लगी, वह थी इसे घर पर ही उगाने की सुविधा।

1 हजार रु से की शुरुआत

1 हजार रु से की शुरुआत

2013 में महज 1,000 रुपये के साथ उन्होंने अपना कारोबार शुरू किया। कुछ ही वर्षों में उनका कारोबार फलता-फूलता कृषि और उद्यमशीलता वेंचर में बदल गया। एक छोटे से प्रयास के रूप में की गयी शुरुआत रंग ला चुकी थई। आज मशरूम की खेती से रेखा सालाना 3 से 4 लाख रुपये कमाती हैं। द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार रेखा के अनुसार वर्षों से इस प्रोफेशन के बारे में सीखने से उन्होंने हजारों लोगों को मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षित भी किया।

कैसे की रिसर्च

कैसे की रिसर्च

2013 में रेखा ने मशरूम की क्षमता, इसके पोषण गुणों और उगाने के बारे में जानकारी खोजना शुरू किया तो उन्होंने यूट्यूब पर फंगी (कवक) के बारे में भी काफी अध्ययन दिया। उन्होंने कई अन्य लोगों के साथ भी बातचीत की जो पहले से ही मशरूम की खेती कर रहे थे।

शुरू में हुआ घाटा
बिना सही प्रशिक्षण के अपना कारोबार शुरू करने वाली रेखा का कहना है कि शुरुआत में ज्ञान की कमी के कारण उन्हें कई नुकसान हुए। इसके बाद उन्होंने 2018 में सिपाया के कृषि विज्ञान केंद्र और समस्तीपुर के राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा से ट्रेनिंग हासिल की।

इकोनॉमी से ग्रेजुएट हैं रेखा

इकोनॉमी से ग्रेजुएट हैं रेखा

रेखा इकोनॉमी से ग्रेजुएट हैं। उन्हें कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ संजय कुमार से मदद मिली। साथ ही उन्हें डॉ दयाराम राव ने प्रशिक्षित किया। उनसे प्रशिक्षण लेने के बाद ही रेखा को सकारात्मक नतीजे मिलने शुरू हो गये। उन्होंने शुरुआत सिर्फ ऑयस्टर मशरूम से की थी, मगर अब पांच और किस्मों के मशरूम उगाती हैं। इनमें बटन मशरूम, मिल्की बटन मशरूम, शीटकेक मशरूम, हेरिकियम मशरूम और धान स्ट्रॉ मशरूम शामिल हैं।

ऑनलाइन क्लासेज देती हैं रेखा

ऑनलाइन क्लासेज देती हैं रेखा

रेखा अब लोगों को ऑफलाइन के साथ साथ ऑनलाइन तरीकों से भी मशरूम उगाने की क्लासेज देती हैं। मुफ्त ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से, वे देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों को प्रशिक्षित करने में कामयाब रही हैं। साथ ही वे हर महीने घर पर भी प्रशिक्षण कक्षाएं लेती हैं, जिसके लिए वे फीस लेती हैं। 2018 से रेखा ने अब तक लगभग 1,000 लोगों को ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षित किया है।

English summary

Success Story Housewife started business in free time earns Rs 3 lakh

She started with just oyster mushrooms, but now grows five more varieties of mushrooms. These include button mushroom, milky button mushroom, shiitake mushroom, hericium mushroom and paddy straw mushroom.
Story first published: Thursday, September 15, 2022, 19:55 [IST]
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