Snack Business : महिला कमा रही 8 लाख रु, आपके पास भी है मौका
नई दिल्ली, जनवरी 3। हरियाणा के बाकरा गांव में ज्यादातर लड़कियां कक्षा 5 से आगे नहीं पढ़ पाती हैं। दरअसल 10वीं कक्षा की पढ़ाई करने के लिए पड़ोसी बेरी गांव जाने के लिए 5 किमी पैदल चलना पड़ता है। उसके बाद, लड़कियों की शादी हो जाती और बाकी जीवन मवेशियों, खेत के कामों और बच्चों की देखभाल करने में बीतता। ऐसी ही एक लड़की थी गांव की रहने वाली पूजा शर्मा, जिन्होंने एक अलग रास्ता चुना। वे एक कामयाब बिजनेसवुमन बनीं और आज सालाना लाखों रु कमाती हैं। जानते हैं उनकी पूरी कहानी।
Business Plan : नौकरी छोड़ शुरू करें ये काम, लाखों में होगी कमाई
नहीं कर पाईं पढ़ाई
पूजा 80 के दशक में पैदा हुईं और 20 साल की उम्र में उनकी शादी हो गयी। उनके माता-पिता ने उन्हें 10वीं कक्षा से आगे की पढ़ाई करने की अनुमति नहीं दी। क्योंकि इसके लिए उन्हें एक को-एजुकेशन संस्थान में एडमिशन लेना होता। फिर 1999 में पूजा की शादी हो गयी और 2004 तक दो बेटियों और एक बेटे की मां बनी। हालांकि, बढ़ते खर्चों के कारण परिवार आर्थिक रूप से संघर्ष करने लगा। उनके पति और उन्होंने अपने संयुक्त परिवार से अलग होने का फैसला लिया। उनके पति ने कृषि क्षेत्र में काम करके प्रति माह 4,000 रुपये कमाए। वे रोजगार के अवसरों के लिए शहर नहीं जाना चाहते थे क्योंकि इससे खर्चों में वृद्धि होती।
पूजा ने शुरू की जॉब
द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार हुए पूजा कहती हैं कि अपने पति को समर्थन करने के लिए, उन्हें 2008 में एक एनजीओ में नौकरी मिली और उन्होंने 2,500 रुपये प्रति माह कमाने शुरू किए। 2013 में, कृषि विज्ञान केंद्र के कुछ अधिकारियों ने कमाई के अवसर प्रदान करने के लिए सिलाई सिखाने के लिए ग्रामीणों से संपर्क किया। लेकिन उन्हें लगा कि यह ऑफर आर्थिक रूप से ठीक नहीं। उन्हें लगा कि सिलाई से महिलाओं की इनकम में खास वृद्धि नहीं होगी। कुछ दिन बाद अधिकारी महिलाओं को स्वस्थ नाश्ते के रूप में भुना हुआ सोयाबीन तैयार करने और बेचने के लिए प्रशिक्षण देने के सुझाव के साथ लौटे। बस यहीं से पूजा ने कुछ अनोखा करने का सोचा।
मिली बड़ी जिम्मेदारी
उन्हें गुरुग्राम में एक सप्ताह के लिए प्रशिक्षण लेने की इच्छुक 10 महिलाओं की पहचान करने का काम दिया गया था। उनके चयन और प्रशिक्षण के बाद, उन्हें बिजनेस शुरू करने के लिए कच्चा माल खरीदने के लिए माइक्रोवेव ओवन और पूंजी जैसे उपकरणों की आवश्यकता थी। पूजा ने अपना उद्यम - क्षितिज समूह शुरू करने के लिए एक निजी बैंक से 10,000 रुपये का लोन प्राप्त किया। उन्होंने एक वित्तीय बाधा को पार कर लिया, मगर कई सामाजिक चुनौतियां सामने थीं।
पार की चुनौतियां
पूजा का कहना है कि महिलाओं ने अपने उत्पाद, भुना हुआ सोयाबीन, प्रदर्शनियों और स्थानीय बाजारों में पेश करना शुरू कर दिया। लेकिन उन्होंने विभिन्न प्रकार के उत्पादों को प्रस्तुत करने की सोची। उन्होंने सभी चुनौतियों को पार करते हुए 130 महिलाओं के नौ समूह बनाए, जो 60 तरह के घर के बने खाद्य उत्पाद तैयार करते हैं। उन्होंने मुंबई के एक शेफ से कुकीज बनाना सीखा। कुकीज़ और बिस्कुट जैसे उनके कई उत्पादों की हयात, एरोसिटी जैसे 5 स्टार होटलों में मांग काफी है। कुकीज को ज़िंगज़ेस्ट ब्रांड नाम से बेचा जाता है। उनका बिजनेस प्रति वर्ष 8 लाख रुपये कमाता है।
कड़ी मेहनत और ईमानदारी
पूजा के अनुसार आज सभी महिलाएं बिल्डिंग के अंदर बैठकर क्वालिटी चेक के लिए मिठाइयां तैयार करती हैं और उन्हें टेस्ट करती हैं। सभी स्वस्थ हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ जीवन जी रही हैं। उनका मानना है कि कड़ी मेहनत और ईमानदारी किसी भी निगेटिविटी को दूर कर सकती है।