MSME को लोन देने के मामले में SBI और PNB सबसे आगे, जानिए आंकड़े
नयी दिल्ली। 3 लाख करोड़ रुपए की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत कोरोना से प्रभावित एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) को सबसे अधिक लोन देने के मामले में पहला नंबर भारत के सबसे बड़ा बैंक एसबीआई और दूसरा नंबर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस लिस्ट में केनरा बैंक तीसरे, बैंक ऑफ बड़ौदा चौथे और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पांचवे नंबर है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऑफिस की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 3 सितंबर 2020 तक 12 सरकारी बैंकों ने कुल 21,28,010 एमएसएमई खातों में 62,025.79 करोड़ रु का लोन आवंटित किया है। वहीं 24 निजी बैंकों और 31 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने 3,42,302 एमएसएमई फर्म्स को 51,687.36 करोड़ रु का लोन दिया है। यानी कुल मिला कर 24,70,312 एमएसएमई फर्म्स को 1,13,713.15 करोड़ रु का लोन आवंटित किया गया है।
कितनी हुई लोन बांटने में बढ़ोतरी
24 अगस्त 2020 तक के आंकड़ों की तुलना में 03 सितंबर 2020 तक सरकारी और प्राइवेट बैंक की तरफ से कुल पास किए गए लोन में 5,022.06 करोड़ रुपये और बांटे गए लोन में 7,786.16 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। ये अपडेट के सीतारमण की बैंकों और एनबीएफसी के प्रमुखों से मुलाकात के चार दिन बाद दी गई है। उन्होंने उस बैठक में ईसीएलजीएस के अलावा आंशिक ऋण गारंटी और सब-ऑर्डिनेट लोन योजनाओं की प्रोग्रेस की समीक्षा की थी।
राज्यों में कौन सबसे आगे
एमएसएमई क्रेडिट गारंटी योजना से लाभान्वित होने वाले टॉप तीन राज्यों में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु हैं। कर्जदाताओं की तरफ से महाराष्ट्र में 1,83,839 एमएसएमई खातों में 6,708 करोड़ रुपये का लोन आवंटित किया गया। वहीं उत्तर प्रदेश में 2,38,968 खातों में 6,200 करोड़ रुपये और तमिलनाडु में 2,31,943 एमएसएमई खातों में 6,150 करोड़ रुपये दिए गए।
क्या है सरकार का प्लान
बैंकों और एनबीएफसी के साथ हुई बैठक में वित्त मंत्री ने कहा था कि दबाव में चल रहे कारोबारों के लिए 15 सितंबर तक डेब्ट रेज्योल्यूशन या पुनर्गठन योजनाओं को शुरू करें। यानी बैंकों की तरफ से एक नई योजना पेश करके लोन चुकाने पर राहत नई राहत दी जा सकती है।
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