PM Modi की MSME को 6,062 करोड़ रु की सौगात, छोटे कारोबारियों को मिलेगा फायदा
नई दिल्ली, जून 30। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम) के लिए 6,062.45 करोड़ रुपये की विश्व बैंक के सपोर्ट वाली रेजिंग एंड एक्सेलेरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (आरएएमपी) स्कीम लॉन्च की। ये केंद्र सरकार का एक कार्यक्रम है, जिसका टार्गेट एमएसएमई के प्रदर्शन को बेहतर करना है। तीन महीने पहले इसे पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। पांच वर्षीय आरएएमपी योजना चालू वित्त वर्ष 2022-23 में शुरू होगी। मगर इस योजना का ऐलान 2020 में सरकार और विश्व बैंक द्वारा कोविड से झटका खाए एमएसएमई को उनके व्यापार में सुधार के लिए घोषित किया गया था।
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ट्रांसफर किए गए 500 करोड़ रु
नई दिल्ली में 'उद्यमी भारत' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि 18,000 एमएसएमई को 500 करोड़ रुपये से अधिक डिजिटल रूप से ट्रांसफर किये गये हैं और एमएसएमई के लिए 50,000 करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत फंड के तहत 1,400 करोड़ रुपये से अधिक जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई देश की प्रगति में एक बड़ी भूमिका निभाती हैं। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग एक तिहाई योगदान एमएसएमई का होता है। अगर भारत 100 रुपये कमाता है, तो 30 रुपये एमएसएमई की वजह से है। एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत करने से सभी को लाभ होता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ऐलान
फरवरी में अपने बजट भाषण में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आने वाले पांच वर्षों में इस कार्यक्रम को शुरू करने की घोषणा की थी। इस योजना के कुल खर्च में से विश्व बैंक ने पिछले साल जून में 3750 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। बाकी 2312.45 करोड़ रुपये के खर्च को केंद्र सरकार फाइनेंस करेगी।
सरकार करेगी निगरानी
जून 2021 में एक बयान में विश्व बैंक ने कहा था कि आरएएमपी ने 5.55 लाख एमएसएमई के प्रदर्शन में सुधार का लक्ष्य रखा है। आरएएमपी की निगरानी और नीति का अवलोकन एमएसएमई मंत्री की अध्यक्षता में एक शीर्ष राष्ट्रीय एमएसएमई परिषद द्वारा किया जाएगा। इस बात का ऐलान कैबिनेट ने इस साल मार्च में किया था।