MSME : E-Commerce प्लेटफॉर्म से लेन-देन करने पर मिल सकता है बड़ा फायदा
नयी दिल्ली। एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) के लिए एक और अच्छी खबर है। बहुत जल्द एमएसएमई को ई-कॉमर्स के जरिए लेन-देन करने पर बड़ा फायदा मिल सकता है। दरअसल एमएसएमई को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से होने वाली सकल बिक्री (Gross Sales) पर 1 फीसदी टैक्स की रियायत मिल सकती है। छोटे व्यवसायों के लिए टैक्स छूट की सीमा को मौजूदा 5 लाख रुपये से बढ़ाया जा सकता है। टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) मैकेनिज्म वस्तुओं और सेवाओं को बेचने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों का उपयोग करके फर्म्स द्वारा टैक्स चोरी पर नजर रखना जारी रखेगा।
बजट में आया था प्रोविजन
ई-कॉमर्स लेनदेन को टैक्स दायरे में लाने के लिए बजट 2020-21 में प्रावधान किया गया है। इसलिए इसमें पैन (स्थायी खाता संख्या) या आधार संख्या से संबंधित एक खंड है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा था कि छोटे व्यवसायियों को राहत देने के लिए ऐसे किसी व्यक्ति और एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) को छूट प्रदान करने का प्रस्ताव है जो 5 लाख रुपये से कम कमाता है और वो पैन / आधार पेश करे। बजट प्रावधान 1 अक्टूबर से प्रभावी है। बजट में ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शन के लिए टीडीएस पेश किया गया था।
ये फायदे भी दिए जा सकते हैं
एचटी की रिपोर्ट के अनुसार 5 लाख रुपये की वर्तमान सीमा को बढ़ाने के अलावा छोटे कारोबारियों को जो अन्य राहतें दी जा सकती हैं उनमें 1 अक्टूबर की समय सीमा को बढ़ाना और सकल बिक्री मूल्य के बजाय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर जीएसटी और कमीशन में कटौती के बाद टीडीएस की गणना किया जाना शामिल है। एमएसएमई इंडस्ट्री से जुड़े जानकार कहते हैं कि एमएसएमई के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उभरते हुए बाज़ार हैं। वे अपने प्रोडक्ट को बड़े ग्राहक आधार को बेचने के लिए छोटी इकाइयों को एक अच्छा ऑप्शन देते हैं। इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसलिए ये अनुमान है कि सरकार टीडीएस नीति पर दोबारा विचार कर सकती है।
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