MSME : लोन देने के मामले में यूपी सबसे आगे, बांट दिए 22800 करोड़ रु
नयी दिल्ली। यूपी सरकार ने जानकारी दी है कि राज्य में 5.12 लाख एमसएमई (सूक्ष्म और लघु और मध्यम उद्यम) इकाइयों को अपने कारोबार का विस्तार करने के लिए 22,800 करोड़ रुपये का लोन दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आने के बाद से कर्ज मेलों के माध्यम से कई बार एमएसएमई को लोन बांटा है और बैंकों को निर्देश जारी किए हैं कि व्यवसायियों को लोन हासिल करने में किसी तरह की समस्या नहीं होनी चाहिए। इसी का नतीजा है कि क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज (सीजीटीएमई) के तहत उत्तर प्रदेश में एमएसएमई इकाइयां देश में लोन लेने के मामले में पहले स्थान पर पहुंच गई हैं।
यूपी के बाद इन राज्यों का नंबर
आंकड़ों के अनुसार एमएसएमई को लोन देने के मामले में टॉप 11 राज्यों में यूपी के बाद इन राज्यों में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और बिहार शामिल हैं। योजना के तहत छोटे उद्यमियों को लोन की गारंटी दी जाती है, ताकि जिनके पास बैंक गारंटी नहीं है और वे अपने व्यवसायों का विस्तार करना चाहते हैं, लोन प्राप्त कर सकें।
लोन मेले में बंटा पैसा
दिसंबर के पहले हफ्ते में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक विशेष ऑनलाइन लोन मेला के दौरान 3,54,825 एमएसएमई इकाइयों को 10,390 करोड़ रुपये का लोन बांटा था। साथ ही उस लोन मेले में 'वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट' स्कीम के तहत प्रशिक्षित हुए 5000 लोगों को टूल किट भी दी गई। सीएम ने कहा था कि 3,24,911 नई एमएसएमई इकाइयों को विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत 9,074 करोड़ रुपये का लोन दिया जा रहा है, जिनमें पीएम रोज़गार सृजन योजना, सीएम युवा, स्वरोजगार योजना, ओडीओपी, मुद्रा योजना और आत्मनिर्भर भारत योजना शामिल है।
ईसीएलजीएस के तहत कितना लोन बंटा
वहीं केंद्र सरकार की इमरजेंसी क्रेडिट लोन गारंटी स्कीम के तहत 12 नवंबर तक 61 लाख उधारकर्ताओं के लिए 2.05 लाख करोड़ रु के लोन को मंजूरी दे दी गई है। आत्मनिर्भर भारत सुधारों के तहत सरकार ने इस योजना को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया है।
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