MSME : 1.20 लाख करोड़ रुपये के लोन पर लग गई मुहर, जानिए पूरे आंकड़े
नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी है कि बैंकों ने 3 लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) सेक्टर को लगभग 1,20,099 करोड़ रुपये के लोन पास कर दिए हैं। हालांकि पास किए गए लोन के मुकाबले एमएसएमई को 100 प्रतिशत ईसीएलजीएस योजना के तहत गुरुवार (9 जुलाई) तक 61,987.90 करोड़ रुपये का लोन ही आवंटित किया गया है। मालूम हो कि सरकार ने कोरोना संकट में एमएसएमई सेक्टर की मदद के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में 3 लाख करोड़ रु की ईसीएलजीएस का ऐलान किया था। यह योजना वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मई में घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान राहत पैकेज का सबसे बड़ा राजकोषीय घटक है।
कौन-कौन बांट रहा एमएसएमई को लोन
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों में एमएसएमई को लोन देने वालों में 11 सरकारी और 22 प्राइवेट बैंक हैं। इसके अलावा 21 एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) भी शामिल हैं। वित्त मंत्रालय के मुताबिक 9 जुलाई 2020 तक सरकारी और प्राइवेट बैंकों द्वारा 100 प्रतिशत इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत पास की गई लोन राशि 1,20,099.37 करोड़ रुपये है, जिसमें से 61,987.90 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। ईसीएलजीएस के तहत सरकारी बैंकों ने 68,145.40 करोड़ रुपये का लोन पास किया है, जिसमें से 9 जुलाई तक 38,372.88 करोड़ रुपये का लोन दिया जा चुका है।
कैसी प्राइवेट बैंकों की चाल
प्राइवेट बैंकों ने 51,953.97 करोड़ रुपये के लोन पास कर दिए हैं और इसमें से 23,615.02 करोड़ रुपये का बांट दिया है। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने 20,788 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दे दी है और इसमें से 13,893 करोड़ रुपये का बांट दिया है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक का नंबर है, जिसने 8,977 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया है। हालांकि 9 जुलाई तक इसने बतौर लोन 2,975 करोड़ रुपये ही बांटे हैं। वित्त मंत्री के ऐलान के बाद 21 मई को मंत्रिमंडल ने एमएसएमई सेक्टर के लिए इस योजना के तहत 9.25 प्रतिशत की रियायती दर पर 3 लाख करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त फंडिंग को मंजूरी दे दी थी।
कब तक है एमएसएमई के पास मौका
ईसीएलजीएस के तहत एमएसएमई फर्म्स 31 अक्टूबर तक या 3 लाख करोड़ रु की राशि पूरी होने तक लोन ले सकती हैं। सरकारी बैंकों ने अब तक सबसे अधिक 7035 करोड़ रुपये का लोन महाराष्ट्र की बिजनेस यूनिट्स के लिए पास किया है, जिसमें से 3897 करोड़ रु का लोन दिया जा चुका है। इसके बाद तमिलनाडु का नंबर है, जहां की फर्म्स के लिए 6955 करोड़ रुपये का लोन पास किया गया है, जिसमें से 4153 करोड़ रु का लोन दिया जा चुका है।
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