MSME : सरकार लाएगी नया कानून, छोटे-मध्य कारोबारियों को होगा बड़ा फायदा
नयी दिल्ली। एमएसएमई (सूक्ष्म और लघु और मध्यम उद्यम) की मदद करने के लिए सरकार बहुत जल्द नया कानून लाने वाली है। इस बात का ऐलान एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। एमएसएमई सेक्टर और आत्मानिर्भर भारत अभियान को मजबूत बनाने के लिए भारत सरकार एक नया कानून लाने पर विचार कर रही है, जिससे ये सुनिश्चित होगा कि एमएसएमई को बकाये का भुगतान 45 दिनों के अंदर किया जाए। बता दें कि छोटे कारोबारियों के लिए पेमेंट सही समय पर न मिलना एक बड़ी चुनौती रही है और ये सरकार के लिए एक अहम मुद्दा है। क्योंकि केंद्र सरकार ने कोरोना संकट में एमएसएमई पर बहुत ध्यान दिया है।
पैसा रुकने से होती ही कई दिक्कतें
पेमेंट न मिलने के कारण एमएसएमई को कैपिटल लॉकडाउन का सामना करना पड़ता है, जिससे पैसे, रिसॉर्सेज और कारोबार के मैनेजमेंट में दिक्कतें आने लगती हैं। मंत्री ने कहा कि भारत सरकार बिक्री के 45 दिनों के भीतर सरकारी कंपनियों को एमएसएमई का बकाया निपटाने को अनिवार्य बनाने के लिए नया कानून लाने का प्रस्ताव बना रही है।
दिया था नये कानून का संकेत
एक महीने से भी कम समय पहले नितिन गडकरी ने कहा था कि सरकार बकाया पेमेंट के मुद्दे का समाधान खोजने के लिए नई योजनाओं और कानूनों पर विचार कर रही है, क्योंकि बकाया पेमेंट रुकने से एमएसएमई के सामने वर्किंग कैपिटल से जुड़ी समस्याएं आ रही हैं। कोरोना महामारी ने एमएसएमई क्षेत्र को काफी नुकसान पहुँचाया, जिससे उनकी वित्तीय हालत भी कमजोर हुई। बता दें कि सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज में एमएसएमई के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की लोन स्कीम सहिक कई योजनाएं शुरू कीं, जिससे इस सेक्टर को कुछ राहत मिली। ये राहत ऐसे समय पर मिली है जब छोटे व्यवसाय के मालिकों के राजस्व में 20 से 30% की गिरावट आई है।
15571 करोड़ रु का और लोन
बीते बुधवार को वित्त मंत्रालय ने कहा कि बैंकों ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम 2.0 के तहत एमएसएमई को अतिरिक्त 15,571 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दी, जो कोरोनोवायरस महामारी से प्रभावित हुए हैं। केंद्र सरकार ने दबाव वाले सेक्टरों के लिए भी इस योजना के दरवाजे खोल दिए हैं।
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