MSME : इकनोनॉमी को सहारा देने के लिए मिल सकते हैं और 1 लाख करोड़ रु
नयी दिल्ली। सरकार अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार कर रही है। इन उपायों में अगले 3 सालों में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) को 1 लाख करोड़ रु का सैलेरी सपोर्ट दिया जाना शामिल है। सरकार अगले तीन सालों के दौरान एमएसएमई सेक्टर को 1 लाख करोड़ रु का सैलेरी सपोर्ट मुहैया करा सकती है। सरकार का मकसद इससे इकोनॉमी में मांग को बढ़ाना है। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार यह अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ावा देने का एक तरीका है जो काफी नीचे है।
एमएसएमई अर्थव्यवस्था की रीढ़
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी अधिकारी बताते हैं कि इस समय देश में 6 करोड़ के करीब एमएसएमई फर्म्स हैं और ये अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। अधिकारी ने कहा कि फर्म द्वारा काम पर रखे गए कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या सिलेक्शन मानदंड के रूप में काम कर सकती है और सपोर्ट को 3 साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है।
एमएसएमई के लिए सरकारी लोन योजना
एमएसएमई मोदी सरकार के राहत पैकेज में शामिल है, जिसके लिए मई में 3 लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना की घोषणा की गई थी। इस योजना के तहत दिए जाने वाले लोन पर 100 फीसदी गारंटी नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी की तरफ से दी जाएगी। योग्य एमएसएमई और इच्छुक माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (MUDRA) को 3 लाख करोड़ रुपये तक का लोन दिया जाएगा। ये लोन 31 अक्टूबर तक बंटेगा। पिछले हफ्ते वित्त मंत्रालय ने कहा था कि बैंकों ने इस योजना के तहत लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दे दी। हालांकि इसके मुकाबले तब तक 61,000 करोड़ रु से कुछ अधिक का लोन ही बांटा गया।
किसने दिया कितना लोन
प्राइवेट बैंकों ने 51,953.97 करोड़ रुपये के लोन पास कर दिए और इसमें से 23,615.02 करोड़ रुपये का बांट दिया। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने 20,788 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दे दी और इसमें से 13,893 करोड़ रुपये का बांट दिया। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक का नंबर है, जिसने 8,977 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया।
MSME : पीएम मोदी का गुजरात लोन के देने के मामले में सबसे आगे