MSME : बंट गया 3 लाख करोड़ रु में से 33 फीसदी पैसा, जानिए कितनों को मिला
नयी दिल्ली। सरकार की तरफ से इस साल मई में कोरोना से प्रभावित एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) का ऐलान किया गया था। सरकारी आंकड़ों की तरफ से इसमें से 32.8 प्रतिशत यानी 98.665.93 करोड़ रुपये का लोन बांटा जा चुका है। 12 अगस्त तक के आंकडों के मुताबिक 22.77 एमएसएमई को ये लोन दिया गया है। हालांकि पास की गई लोन राशि 1,43,318.09 करोड़ रु है।
सरकारी और प्राइवेट बैंकों का कितना योगदान
दिए गए लोन में से 55.4 फीसदी या 54,677.11 करोड़ रु का लोन 12 सरकारी बैंकों ने दिया है। इसके अलावा 24 प्राइवेट बैंकों और 31 एनबीएफसी (नॉन-फाइनेंशियल बैंकिंग कंपनी) ने मिल कर बाकी 44.5 फीसदी यानी 43,988.82 करोड़ रु का लोन दिया है। इसके अलावा 22.77 लाख एमएसएमई में से, जिन्हें 12 अगस्त तक लोन मिला है, 19,84,310 एमएसएमई को सरकारी बैंकों और बाकी 2,93,153 छोटे व्यवसायों को प्राइवेट बैंकों और एनबीएफसी द्वारा क्रेडिट दिया गया।
किस बैंक ने दिया कितना लोन
एसबीआई 16.5 हजार करोड़ रुपये के साथ एमएसएमई को लोन देने के मामले में सबसे बड़ा कर्जदाता है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक का नंबर है, जिसमें लगभग 7 हजार करोड़ रुपये का लोन दिया है। फिर केनरा बैंक ने 6.5 हजार करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 5.7 हजार करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 4.8 हजार करोड़ रुपये का लोन दिया है। वहीं संख्या के लिहाज से अधिक एमएसएमई को लोन देने के मामले में केनरा बैंक टॉप पर रहा, जिसने 3.75 लाख से ज्यादा फर्म्स को लोन दिया।
एसबीआई ने दिया लाख एमएसएमई को लोन
एसबीआई ने करीब 3 लाख एमएसएमई को लोन दिया है। वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 2.07 लाख एमएसएमई को लोन दिया है। ईसीएलजीएस पीएम मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में एमएसएमई के लिए 3.7 लाख करोड़ रुपये की स्कीम है। इस योजना के जरिए 45 लाख इकाइयों को फायदा मिलेगा।
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