For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

MSME : 3 लाख करोड़ रु की लोन स्कीम से नहीं होगा भला, जानिए क्यों

|

नयी दिल्ली। सख्त लॉकडाउन के बाद मई से देश भर में बिजनेस फिर से खुलने शुरू हुए। कपड़े से लेकर खेल के सामान तक के छोटे कारोबारियों को भी कारोबार शुरू करने की इजाजत मिली। इस दौरान पहले से दबाव में चल रहे एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) सेक्टर के सामने कोरोना की वजह से आई फाइनेंशियल दिक्कतों को कम करने के लिए सरकार ने 3 लाख करोड़ रु की सरकारी गारंटी लोन स्कीम की घोषणा की। हालांकि बहुत से छोटे कारोबारी कहते हैं कि 3 लाख करोड़ रु की लोन स्कीम काफी नहीं है। बहुत सी डूबती कंपनियां सिर्फ इस स्कीम से नहीं बच सकेंगी।

MSME : 3 लाख करोड़ रु की लोन स्कीम से नहीं होगा भला

नए कर्ज के बजाय जीएसटी में होती कटौती
कुछ कारोबारी कहते हैं कि उनका व्यवसाय महामारी से इतना प्रभावित हुआ कि नए कर्ज लेने का बहुत अधिक मतलब नहीं बनता। वे बजाय इसके सरकार से वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) में कटौती या लोन पर ब्याज माफी की मदद चाहते हैं। कुछ लोग ये भी कहते हैं कि क्रेडिट स्कीम शुरू करने के बावजूद बैंकों की तरफ से उधार देना आसान नहीं, क्योंकि बहुत से व्यवसाय खत्म होने की कगार पर पहुंच गए। इस तरह की रिपोर्ट्स पहले भी आई हैं जिनमें सामने आया कि एमएसएमई फर्म्स को बैंकों से लोन मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि समय के साथ बैंकों ने लोन देने की रफ्तार बढ़ाई।

कारोबार बंद करने की योजना
कोरोना ने हालात ऐसे कर दिए हैं कि बहुत से कारोबारी अपना व्यवसाय तक बंद करने की सोच रहे हैं। एक ऐसे ही मेरठ के कारोबारी, जिनका सालाना टर्नओवर 1 करोड़ रु के करीब है, कहते हैं कि वे 10 में से 8 कर्मचारियों को निकाल चुके हैं। अब वे अपना कारोबार ही बंद करने की सोच रहे हैं। उनके बैंकर ने उन्हें बताया कि उनकी उधार पात्रता (Creditworthiness) कम है क्योंकि उनका कारोबार मुश्किल में है।

35 फीसदी फर्म्स पर लटकी तलवार
कंसोर्टियम ऑफ इंडियन एसोसिएशन ने पीएम मोदी को लिखे एक पत्र में कहा कि देश भर के 65 करोड़ छोटे व्यवसायों में से लगभग 35 प्रतिशत छोटे कारोबारियों को सरकारी सहायता के अभाव में जल्द ही कारोबार बंद करना पड़ सकता है। छोटे व्यवसाय, जो भारत की 2.9 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लगभग एक चौथाई हिस्सा हैं और 50 करोड़ से अधिक श्रमिकों को रोजगार देते हैं, महामारी से सबसे अधिक प्रभावित हैं।

MSME : पीएम मोदी का गुजरात लोन के देने के मामले में सबसे आगेMSME : पीएम मोदी का गुजरात लोन के देने के मामले में सबसे आगे

English summary

MSME 3 lakh crore loan scheme will not be good know why

Many small businessmen say that a loan scheme of Rs 3 lakh crore is not enough. Many sinking companies will not be able to survive this scheme alone.
Story first published: Monday, July 13, 2020, 14:59 [IST]
Company Search
Thousands of Goodreturn readers receive our evening newsletter.
Have you subscribed?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X