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MSME : 19 फीसदी फर्म्स पर है खतरा, जानिए क्या है मामला

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नयी दिल्ली। सरकार ने एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) का ऐलान किया था। योजना के तहत कोरोना संकट के बीच आर्थिक दिक्क्तों का सामना कर रही एमएसएमई फर्म्स को लोन दिया जा रहा है। मगर अब ट्रांसयूनियन सिबिल के एक विश्लेषण में सामने आया है कि ईसीएलजीएस के तहत पात्र 19 फीसदी एमएसएमई फर्म्स सब-प्राइम या उच्च-जोखिम वाली कैटेगरी में आती हैं। हालांकि अच्छी बात ये है कि लोन हासिल करने वाली 81 फीसदी फर्म्स संरचनात्मक रूप से मजबूत लग रही हैं। ट्रांसयूनियन सिबिल क्रेडिट रिकॉर्ड डेटा के आधार पर छोटे व्यवसायों को सिबिल एसएमई रैंक (सीएमआर) दे रहा है, जिसमें उन्हें 1 से 10 तक नंबर दिये जाते हैं। इनमें सीएमआर 1 कम जोखिम और सीएमआर 10 सर्वाधिक जोखिम वाली रैंक है। सीएमआर जितना कम होगा, एमएसएमई से जुड़े बैड लोन का जोखिम उतना ही कम होगा।

 

कितनी है एमएसएमई की रैंकिंग

कितनी है एमएसएमई की रैंकिंग

ट्रांसयूनियन सिबिल के विश्लेषण के अनुसार 28 फीसदी एमएसएमई को 1 से 3 तक सीएमआर दिया गया है, जो इन्हें सुपर-प्राइम उधारकर्ता बनाता है और इनके डिफॉल्ट होने की भी बहुत कम संभावना है। 4 से 6 के बीच सीएमआर रैंक के साथ बड़ी संख्या में छोटी फर्म्स 'प्राइम' कैटेगरी में हैं। बाकी 19 फीसदी फर्म्स 7 से अधिक सीएमआर के साथ सबसे अधिक जोखिम वाले उधारकर्ता हैं। सरकार ने आत्मनिर्भर भारत राहत पैकेज के तहत एमएसएमई के लिए एक क्रेडिट गारंटी योजना की घोषणा की थी, जिसके जरिए इन फर्म्स को 3 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा। मालूम हो कि 2019 में बैंकों ने एमएसएमई को कुल 2.8 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया था।

कितना है एमएसएमई पर लोन
 

कितना है एमएसएमई पर लोन

आरबीआई के मार्च के आंकड़ों के अनुसार सूक्ष्म और लघु उद्योगों पर कुल बैंक लोन का 4.3 फीसदी हिस्सा था, जबकि मध्यम आकार वाली एमएसएमई पर केवल 1.3 फीसदी बैंक लोन थे। मई समाप्ति पर एमएसएमई उद्योग पर कुल बकाया लोन राशि 4.87 लाख करोड़ रुपये थी। बता दें कि सरकार ने एमएसएमई के लिए जो बड़े ऐलान किए हैं उनमें कुछ खास फर्म्स में 15 फीसदी इक्विटी निवेश किया जाना भी शामिल है। आइये जानते हैं कि ये निवेश किस आधार पर किया जाएगा।

इस आधार पर होगा निवेश

इस आधार पर होगा निवेश

केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार वे एमएसएमई जो तेजी से ग्रोथ कर रही हैं और जिनका जीएसटी, आयकर और बैंक कारोबार का शानदार ट्रैक रिकॉर्ड रहा है उन्हें सिम्प्लिफाइड सिस्टम के माध्यम से एक रेटिंग मिलेगी। उसी के आधार पर फर्म्स में 15 फीसदी इक्विटी निवेश किया जाएगा। इससे पूंजी बाजार में आगे बढ़ने की योजना वाली एमएसएमई को अच्छा समर्थन मिलेगा। साथ ही सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को भी 45 दिनों के भीतर एसएमई के सभी बकाया चुकाने के लिए कहा गया है।

MSME सेक्टर में चीनी कंपनियां होंगी बैन, जानिए सरकार का प्लानMSME सेक्टर में चीनी कंपनियां होंगी बैन, जानिए सरकार का प्लान

English summary

MSME 19 percent of firms are under threat know what is the matter

According to the RBI's March data, micro and small industries accounted for 4.3 per cent of total bank loans, while medium-sized MSMEs had only 1.3 per cent bank loans.
Story first published: Saturday, July 4, 2020, 12:56 [IST]
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