करोड़पति Teachers : पढ़ा-पढ़ा कर बन रहे अमीर, खूब कर रहे तरक्की
नई दिल्ली, अगस्त 24। भारत के युवा कैसे क्रैकिंग (सरकारी नौकरियों की) परीक्षाओं को पास करते हैं, इसके सहारे कोटा के प्रसिद्ध कोचिंग संस्थानों ने नेटफ्लिक्स तक पर जगह बनाई है। इन टेस्ट प्रीपेरेशन कंपनियों ने काफी चीजों को बदल दिया है। जैसे कि किसी 'मास्टरजी' का अपने स्कूटर पर स्कूल आना। कोटा में मोशन इंस्टीट्यूट के निदेशक और संस्थापक नितिन विजय कहते हैं कि कोटा में शिक्षक शिक्षण से करोड़ों रुपये कमा रहे हैं। जबकि टीचिंग एक ऐसा प्रोफेशन है, जिसे आम तौर पर कम कमाई वाला माना जाता है। कोटा में 'एनवी सर' के नाम से मशहूर 38 साल के विजय सालाना एक करोड़ से ज्यादा कमाते हैं।
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एनवी सर के नाम से हुए मशहूर
कोटा में एक 'एनवी सर' हैं, जिनके नाम है नितिन विजय। एनवी सर से मशहूर होने वाले विजय सालाना एक करोड़ से ज्यादा कमाते हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार विजय कहते हैं कि उनके बच्चे बड़े स्कूलों में जाते हैं और उन्हें अधिक एक्सपोजर मिल रहा है। वे खुश हैं और एक अच्छा जीवन जी रहे हैं। वे कोटा में अपने परिवार के साथ रहते हैं। परिवार में पत्नी, दो बच्चे और उनके माता-पिता शामिल हैं।
5 से 10 करोड़ रुपये निकाल सकते हैं
विजय का कहना है कि वह आसानी से अपने वेतन के रूप में 5 से 10 करोड़ रुपये निकाल सकते हैं, लेकिन वे अपने संस्थान के इंफ्रास्क्ट्रक्चर के डेवलपमेंट, संपत्ति निर्माण और अन्य सदस्यों के वेतन पर सरप्लस पैसा खर्च करना पसंद करते हैं। असल में उन्हें कोटा के अन्य लोकप्रिय कोचिंग सेंटरों के अलावा अनअकेडमी और बायजूस जैसे एडटेक प्लेटफॉर्म से तगड़ी प्रतिस्पर्धा में आगे निकलने के लिए यह सब करने की जरूरत है।
पहले क्या थी सोच
एक दशक पहले, कोई सोच भी नहीं सकता था कि एक टीचर मर्सिडीज या बीएमडब्ल्यू में अपने वर्कप्लेस पर आ सकता है। अब यह न केवल संभव है बल्कि पहले से ही हो रहा है। ये बात खुद विजय कहते हैं, जो खुद मर्सिडीज सहित कई कारों के मालिक हैं।
सभी शिक्षक समान नहीं
सभी शिक्षक एक जैसे नहीं हैं। वैसे भी कोटा में एक शिक्षक की सैलेरी कठिन बिजनेस पर आधारित है। किसी शिक्षक का शिकार करना आम बात है और सभी ऐसी कंपनियां इसके लिए दोषी हैं। शिकार करने का मतलब है कि किसी अच्छे टीचर को बड़ी सैलेरी का लालच देकर अपने संस्थान से जोड़ना। शिक्षकों को हमेशा बड़ा वेतन देकर उनका शिकार किया जाता है।
ऐसे मिलती है बड़ी सैलेरी
एक शिक्षक का वेतन इस बात से तय होता है कि उसके पास कितने छात्र हैं। एक कक्षा में छात्रों की अधिक संख्या का अर्थ है हाई सैलेरी। यह वेतन तब और बढ़ जाता है जब शिक्षक सोशल मीडिया पर भी प्रसिद्ध हो जाता है। विजय के कई फैन पेज हैं। इसके अलावा इंस्टाग्राम पर 25800 फॉलोअर्स हैं। विजय का कहना है कि उनके संस्थान द्वारा हर साल 250 करोड़ रुपये की इनकम जनरेट की जाती है। शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन के लिए लगभग 35-40 करोड़ रुपये का उपयोग किया जाता है। विजय खुद को एक मध्यमवर्गीय लड़का बताते हैं, जो किसी भी अन्य किशोर की तरह आईआईटी में जाना चाहता था। उन्होंने बंसल क्लासेज में पढ़ाना शुरू किया। उन्होंने मुश्किल से 6 महीने वहां काम किया और फिर उन्होंने अपना संस्थान शुरू किया और आज वे मल्टी-करोड़पति बन चुके हैं।