GST : ट्रांसपोर्ट सेक्टर और छोटे ऑनलाइन कारोबारियों को राहत, जानिए क्या हुआ
नई दिल्ली, जून 29। सामान की आवाजाही की लागत घट सकती है, क्योंकि माल और सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने बुधवार को ट्रांसपोर्ट सेक्टर को कई राहत दी हैं। इनमें रोपवे पर जीएसटी को कम करने और ईंधन लागत सहित माल ढुलाई को किराए पर लेने पर जीएसटी में कटौती सहित टूर पैकेज के विदेशी कंपोनेंट को जीएसटी से छूट देना शामिल है। जीएसटी परिषद ने छोटे व्यापारियों को भी राहत दी है। उन्हें उत्पादों को बेचने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग करने और एक कंपोजिट योजना का विकल्प चुनने की अनुमति देते हुए, वस्तुओं और सेवाओं के लिए क्रमशः 40 लाख रुपये और 20 लाख रुपये तक के वार्षिक कारोबार वाले छोटे व्यवसायों के लिए अनिवार्य पंजीकरण मानदंडों को भी माफ कर दिया है। इससे 1.2 लाख छोटे करदाताओं को काफी राहत मिलेगी।
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की गयी है खास सिफारिश
परिषद ने पहाड़ी राज्यों को राहत देने के लिए सेवाओं के इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ रोपवे द्वारा माल और यात्रियों के परिवहन पर जीएसटी को 18% से घटाकर 5% करने की सिफारिश की है। परिषद ने यह भी सिफारिश की है कि जिन ऑपरेटरों में ईंधन की लागत शामिल है, उनके साथ माल ढुलाई के किराए पर जीएसटी को 18% से घटाकर 12% किया जाए। परिषद ने तर्क दिया कि माल और यात्रियों के परिवहन पर कम दरों का कारण यह है कि पेट्रोल, डीजल, एटीएफ जीएसटी से बाहर हैं।
सड़क मार्ग से माल के परिवहन
वर्तमान में सड़क मार्ग से माल के ट्रांसपोर्ट पर 5% और 12% जीएसटी लगता है और जो लोग 12% पर जीएसटी का भुगतान करने का विकल्प चुनते हैं, उनके पास स्विच करने का विकल्प नहीं है और उन्हें फॉरवर्ड चार्ज के तहत अपनी सभी खेपों पर 12% जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है।
छोटे कारोबारियों को कब से मिलेगा लाभ
1.2 लाख छोटे करदाताओं को जो लाभ मिलेगा, उसकी शुरुआत जनवरी 2023 से हो सकती है। असल में इसके लिए पोर्टल पर तकनीकी परिवर्तन करने होंगे। साथ ही, 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले और ई-कॉमर्स सप्लाई करने वाले व्यवसायों को कंपोजिशन स्कीम चुनने की अनुमति होगी, जो कम टैक्स रेट और सरल अनुपालन प्रोवाइड करती है।