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गोबर से पेंट : सरकार से लें ट्रेनिंग और शुरू करें अपना Business, जम कर होगी कमाई

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नयी दिल्ली। हाल ही में केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने खादी प्राकृतिक पेंट लॉन्च किया था, जो गाय से गोबर से तैयार किया गया है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा डेवलप किए गए इस पेंट के लिए दावा किया जा रहा है ये नॉन-टॉक्सिक होने के साथ-साथ एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल है। इस पेंट को ईको फ्रेंडली भी बताया जा रहा है। अच्छी बात ये है कि यही पेंट आप भी बनाना सीख सकते हैं और अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं। एमएसएमई मंत्रालय देश के हर गांव में गोबर से बने पेंट की फैक्ट्री खोलने की योजना पर काम कर रहा है। ये प्लान नितिन गडकरी का है। अगर ऐसा हुआ तो ग्रामीण इलाकों में रोजगार बढ़ेगा और गांव के लोगों का शहरों की तरफ पलायन रुकेगा।

सरकार दे रही ट्रेनिंग

सरकार दे रही ट्रेनिंग

गोबर से बने इस प्राकृतिक पेंट के लॉन्च होने के बाद से इसकी मांग काफी तेजी से बढ़ती दिख रही है। ज्यादा से ज्यादा लोग इसे बनाने की ट्रेनिंग चाहते हैं। इस समय जयपुर में ट्रेनिंग की व्यवस्था की गयी है। सरकार के पास आवेदन बहुत ज्यादा है। सभी आवेदकों को ट्रेनिंग भी नहीं मिल पा रही है। टीवी9 भारतवर्ष की रिपोर्ट के अनुसार अभी 350 आवेदक वेटिंग लिस्ट में हैं।

कितने दिन होती है ट्रेनिंग
 

कितने दिन होती है ट्रेनिंग

गोबर से पेंट बनाने के लिए सरकार पांच से सात दिनों की ट्रेनिंग देती है। सरकार का ज्यादा ध्यान भी ट्रेनिंग सुविधा बढ़ाने पर है। इससे अधिकतम लोग ट्रेनिंग लेकर गोबर से पेंट बनाने की फैक्ट्री खोल सकेंगे। यदि हर गांव में फैक्ट्री खुले तो रोजगार के भरपूर अवसर बनेंगे। इस पेंट को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित किया गया है। अच्छी बात ये है कि पेंट में गंध भी नहीं है।

दो वेरिएंट में होगा उपलब्ध

दो वेरिएंट में होगा उपलब्ध

गाय के गोबर बना ये पेंट दो वेरिएंट में उपलब्ध है। इनमें डिस्टेंपर और प्लास्टिक इम्लशन शामिल है। इनकी कीमत क्रमश: 120 रु और 225 रु है। इतनी कीमत मार्केट में उपलब्ध बाकी पेंटों की तुलना में काफी कम है। इस पेंट में सीसा, पारा, क्रोमियम, आर्सेनिक और कैडमियम जैसी भारी धातुओं का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इससे यह पेंट बिल्कुल भी नुकसान नहीं देगा।

किसानों को होगा फायदा

किसानों को होगा फायदा

इस पेंट से किसानों को भी फायदा होगा। असल में पेंटी की बिक्री बढ़ी तो गांवों में गोबर की खरीदारी बढ़ेगी। एक अनुमान के अनुसार एक पशु के गोबर से किसान सालाना 30000 रु कमा सकते हैं। फिलहाल गोबर का इस्तेमाल खेतों में खाद के रूप में होता। मगर आने वाले समय में गांवों में इस नये पेंट की फैक्ट्रियां लगने के बाद वहां भी गोबर की मांग होगी। इसका सीधा असल किसानों की आमदनी पर पड़ेगा।

क्या है मोदी सरकार का लक्ष्य

क्या है मोदी सरकार का लक्ष्य

मोदी सरकार का लक्ष्य 2022 तक किसानों की इनकम दोगुनी करने का है। ऐसे में यदि पेंट के लिए गोबर की खपत बढ़ती है तो इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। यानी किसानों को फायदा होना तय है।

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English summary

cow dung Paint take training from the government and start your business will earn hugely

You can also learn to make paint and start your own business. The MSME Ministry is working on a plan to open a cow dung paint factory in every village of the country.
Story first published: Tuesday, February 16, 2021, 17:55 [IST]
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