Corona Impact : सबसे अधिक प्रभावित सेक्टरों में MSME शामिल, अच्छे नहीं हालात
नयी दिल्ली। आरबीआई के एक सर्वे में कहा गया है कि कोविड-19 संकट के बीच एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) सेक्टर बचे रहने के लिए संघर्ष कर रहा है। एमएसएमई उन सेक्टरों में शामिल है जो कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। आरबीआई के सर्वे में ये भी कहा गया है कि ज्यादातर सेक्टरों में "बड़े पैमाने पर और तत्काल इनकम का नुकसान" देखा गया है। वहीं इसका निगेटिव प्रभाव उन क्षेत्रों में खास तौर पर पड़ा जहां खपत पर खर्च प्रकृति में विवेकाधीन है। यानी वे वस्तुएं लंबी चलने वाली हैं और लोग उन पर खर्च करने के लिए इंतेजार कर सकते हैं। सर्वे में शामिल 60 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर में रिकवरी की उम्मीद अगले 6 महीनों तक कम है।
क्यों हुई एमएसएमई की हालत खस्ता
एमएसएई सेक्टर की जिन वजहों से हालत खराब हुई है उनमें लॉकडाउन के कारण कैश फ्लो की कमी, प्रोडक्शन में गिरावट और मजदूरों को बड़ी तादाद में घरों को लौटना शामिल है। फिर भी आरबीआई के सर्वे में शामिल 40 फीसदी उत्तरदाताओं ने थोड़ी उम्मीद जताई है। सर्वे में सामने आया है कि नकदी प्रवाह (कैश फ्लो) में कमी के कारण एमएसएमई क्षेत्र प्रभावित है। कम मांग, लेबर की कमी, वर्किंग कैपिटल और पूंजी की कमी से रोजगार पर और अधिक दबाव पड़ सकता है।
दिखने लगी है रिकवरी
सर्वे के अलावा एमएसएमई सेक्टर में थोड़ी रिकवरी भी देखी गई है। सरकार की तरफ से अनलॉक 1.0 की घोषणा के बाद से ही रिकवरी की शुरुआत हो चुकी है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार चंद्रशेखर सालुन्के, जो एसएमई चैंबर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं, ने कहा कि 20-25 प्रतिशत रिकवरी हुई है। सरकार की एमएसएमई के लिए लोन स्कीम काफी फायदेमंद है। आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत सार्वजनिक और निजी बैंकों ने 1.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लोन पास कर दिया, जिसमें से 82,000 करोड़ रुपये से अधिक का लोन बांटा जा चुका है।
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