Business Idea : Soya Milk से करें लाखों की कमाई, ऐसे करें शुरुआत
नई दिल्ली, अगस्त 3। यदि आप सोया दूध का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो आपके पास इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। बिना जानकारी के बिजनेस शुरू करने पर नुकसान हो सकता है। सोया दूध काफी किफायती और सस्ते पेय प्रोडक्ट में से है। मगर हाई प्रोटीन के चलते इसकी मांग काफी अधिक है। ज्यादातर दूसरे प्रोटीन फूड के उलट सोया दूध पूरी तरह से कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है। सोया दूध और इसके डेरिवेटिव प्रोटीन के कुछ सबसे सस्ते स्रोत हैं। वैसे भी आजकल हेल्थ को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। इसलिए भारत में सोया दूध का बिजनेस कमाई का एक अच्छा आइडिया हो सकता है।
MSME : सिटी लाइफ छोड़ी और शुरू किया सोशल बिजनेस, अब कमाती हैं लाखों रु
आसानी से होगी सेल
हेल्थ बेनेफिट और दूसरे फायदों के कारण सोया दूध की भारत ही नहीं दुनिया भर में अच्छी खपत में है। बढ़ती मांग के कारण सोया दूध की सेल आसानी से होगी। आज कल सोया दूध और इसके डेरिवेटिव ग्रोफर्स, बिगबास्केट, डंज़ो, अमेजन पेंट्री और कई डेयरी और दूध बूथ जैसे विभिन्न ऑनलाइन पोर्टलों पर बेचे जाते हैं। अच्छी बात यह है कि आपको सोया दूध के बिजनेस के लिए बहुत ज्यादा कैपिटल की जरूरत नहीं होगी।
मुनाफा होगा तगड़ा
भारत में सोया दूध बिजनेस इस समय सबसे अधिक लाभदायक बिजनेसों में से एक बन गया है। कोई भी छोटा-बिजनेस करने की सोचने वाला व्यक्ति इस कारोबार से कमाई कर सकता है। 30 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से 1 लाख 75 हजार लीटर सोया दूध का उत्पादन और बेच सकते हैं। इससे हर महीने 50 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है। हालांकि इसमें आपको सभी खर्च निकालना होगा। मगर फिर भी आपका मुनाफा काफी भारी रहेगा।
जगह की होगी जरूरत
सोया दूध का उत्पादन शुरू करने से पहले आपको सुरक्षित स्थान चुनने पर बहुत ध्यान देना चाहिए। इसके लिए सुरक्षित जगह और बजट को ध्यान में रखें। रिपोर्ट्स के मुताबिक 100 वर्ग मीटर जगह एक छोटी सोया मिल्क यूनिट लगाने के लिए काफी है। आप इतनी जगह के मालिक न हो तों किराए पर ले सकते हैं। सोया दूध तैयार करने के लिए सोयाबीन, चीनी, आर्टिफिशियल फ्लेवर, सोडियम बाईकारबोनेट और पैकेजिंग सामग्री शामिल हैं।
बिजनेस का कराए रजिस्ट्रेशन
बिजनेस का रजिस्ट्रेशन भी जरूरी है। डीआईसी उद्यमियों को बैंकों, एनबीएफसी, एमएफआई आदि जैसे वित्तीय संस्थानों के साथ लोन की व्यवस्था करते हैं। एफएसएसएआई लाइसेंस और अन्य आवश्यक लाइसेंस आपको बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से बिजनेस चलाने के लिए हासिल करने होंगे। प्रोडक्ट को पीएफए (खाद्य अपमिश्रण निवारण) अधिनियम, 1955[1] के अनुरूप होना चाहिए। साथ ही, पूरी प्रक्रिया के दौरान पर्यावरण को कोई नुकसान न हो यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदूषण विभाग से एनओसी की आवश्यकता होती है।
इन मशीनों की होगी जरूरत
सोयाबीन ग्रिंडर, बॉयलर, मैकेनिकल फ़िल्टर, सोकिंग टैंक, पैक सीलर मशीन, वैक्यूम पैकिंग मशीन और वेइंग बैलेंस जैसी मशीनें भी चाहिए होगीं। सोयाबीन दूध तैयार करने के लिए सोयाबीन को धोकर पीसना होगा। सरकार के प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमजीईपी) के तहत, सोया दूध एग्री-बिजनेस शुरू करने के लिए 90 प्रतिशत तक लोन दिया जाता है। मुद्रा योजना के तहत भी उद्यमी बैंक से भी ले सकते हैं। बैंक 80 फीसदी तक कर्ज देने में मदद करेगा।