Budget 2021 : बदलेगी छोटी कंपनियों की परिभाषा, अब इतना होगा कैपिटल आधार
नयी दिल्ली। आज वित्त वर्ष 2021-22 के लिए यूनियन बजट पेश किया गया। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छोटी कंपनियों की परिभाषा बदलने का ऐलान किया। ये परिभाषा कंपनियों की कैपिटल आधार पर बदली जाएगी। 50 लाख रुपये की मौजूदा सीमा से पूंजीगत आधार को बढ़ा कर 2 करोड़ रुपये करके छोटी कंपनियों की परिभाषा को बदला जाएगा। छोटे कारोबारियों पर फोकस करते हुए वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) के लिए आवंटन दोगुना किया जाएगा। वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार 15,700 करोड़ रु अलग रखेगी। सरकार स्टार्टअप्स के लिए मार्जिन मनी की आवश्यकता को भी 25 फीसदी से घटा कर 15 फीसदी करेगी।
नयी पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी
सरकार ने एक नयी पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य निजीकरण को बढ़ावा देना है। वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार विनिवेश के जरिए 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का टार्गेट रखा था। मगर ये टार्गेट पूरा नहीं हो पाया। बता दें कि सरकार का इरादा घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों को बंद करने का है। इसके संकेत सरकार पहले भी दे चुकी है। इनमें सरकार विलय का भी सहारा ले सकती है। यानी कुछ कंपनियों को एक साथ मिला दिया जाएगा। एयर इंडिया, बीएसएनएल और एमटीएनएल काफी घाटे वाली कंपनियां हैं।
इंफ्रास्क्ट्रक्चर से जुड़े ऐलान
बजट 2021 में केंद्रीय वित्त मंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कई बड़े ऐलान किए। इनमें केरल में 1100 किलोमीटर लंबी नेशनल हाईवे शामिल है। इस प्रोजेक्ट पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। बता दें कि मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर इस परियोजना का हिस्सा होगा। वहीं 6500 किलोमीटर हाईवे पश्चिम बंगाल में तैयार किया जाएगा। इस परियोजना पर 25 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें कोलकाता-सिल्लीगुड़ी रोड का रिपेयर किया जाना शामिल है। बता दें कि भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 3 हजार किलोमीटर से हाईवे ज्यादा बन चुके हैं।
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